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परीक्षा को जीवन का अंत नहीं समझना चाहिए- मोदी

नई दिल्ली 07 अप्रेल।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि विद्यार्थियों और अभिभावकों को परीक्षा को जीवन का अंत नहीं समझना चाहिए बल्कि हमेश अगले प्रयास में बेहतर करने की कोशिश करनी चाहिए।

श्री मोदी ने आज परीक्षा पे चर्चा के पहले वर्चुअल संस्‍करण में विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों से बातचीत करते हुए उनके साथ तनाव और चिंता से मुक्ति के मंत्र साझा किये। श्री मोदी ने अभिभावकों से कहा कि वे बच्‍चों पर दबाव न बनाएं और उन्‍हें परीक्षा का आनन्‍द लेने दें।

उन्होने विद्यार्थियों से कहा कि उन्हें परीक्षा से डरना नहीं चाहिए बल्कि इसे उत्सव की तरह लेना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि हम परीक्षा पर चर्चा जारी रखेंगे।उन्होने कहा कि पिछले एक साल से कोरोना के बीच जी रहे हैं और उसके कारण हर किसी को नया-नया इनोवेशन करना पड़ रहा है और मुझे भी नये फॉर्मेट में आपके बीच आना पड़ रहा है और आपसे रूबरू न मिलना, आपके चेहरे की खुशी न देखना, आपका उमंग और उत्‍साह न अनुभव करना। ये अपने आप में मेरे लिए बहुत बड़ा लॉस है। लेकिन फिर भी परीक्षा तो है ही है।

श्री मोदी ने अभिभावकों से कहा कि बच्चों पर दबाव न बनाएं और उन्हें परीक्षा का आनंद लेने दें। पहली बार, वर्चुअल माध्यम से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों से बातचीत में श्री मोदी ने तनाव और चिंता से मुक्त होने के मंत्र दिए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि विद्यार्थियों और अभिभावकों को परीक्षा को जीवन का आखिरी मुकाम नहीं मानना चाहिए, बल्कि हमेशा अगले प्रयास में बेहतर करने की कोशिश करनी चाहिए।