नई दिल्ली 28 जून।केन्द्र सरकार ने कोविड महामारी से निपटने के दौरान अर्थव्यवस्था को बढावा देने के लिए छह लाख 28 हजार 993 करोड रुपये का प्रोत्साहन पैकेज देने की घोषणा की है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने आज पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए बताया कि कोविड प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक लाख 10 हजार करोड़ रूपये से अधिक की ऋण गारंटी योजना का ऐलान किया। उन्होंने बताया इसमें से पचास हजार करोड़ रुपये स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए होंगे। वित्तमंत्री ने कहा कि यह ऋण गारंटी योजना आठ बड़े शहरों को छोड़कर अन्य शहरों में नई परियोजनाओं के विस्तार के लिए होंगी।
उन्होने बताया कि आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत डेढ़ लाख करोड़ रुपये की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना मई 20 में शुरू की गई थी। इसके लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त दिये जाएंगे। इस योजना के पहले, दूसरे और तीसरे चरण में सार्वजनिक क्षेत्र के 12 और निजी क्षेत्र के 25 बैंकों तथा 31 गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की ओर से अब तक दो लाख 69 हजार करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि कारोबार करने वालों के लिए ऋण गारंटी की सीमा तीन लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर साढ़े चार लाख करोड़ रुपये कर दी गई है। वित्तमंत्री ने एक अन्य उपाय के अंतर्गत 25 लाख छोटे कारोबारियों के लिए ऋण गारंटी योजना शुरू करने की घोषणा की। एक अन्य राहत उपाय के अंतर्गत वित्तमंत्री ने 25 लाख छोटे कारोबारियों के लिए भी ऋण गारंटी योजना की घोषणा की।
वित्तमंत्री ने पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए 11 हजार पंजीकृत टूरिस्ट गाइड और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हितधारकों के लिए भी बड़े राहत पैकेज की घोषणा की। इसके अंतर्गत सौ प्रतिशत गारंटी के साथ दस लाख रुपये तक का ऋण ट्रैवल और टूर एजेंसियों को दिया जायेगा। राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर पंजीकृत और लाइसेंस प्राप्त टूरिस्ट गाइड एक लाख रुपये तक का ऋण ले सकेंगे। वित्तमंत्री ने विदेशी पर्यटकों के लिए पांच लाख वीजा मुफ्त जारी करने की घोषणा की। यह स्कीम 31 मार्च 2022 तक या पांच लाख वीजा होने तक लागू रहेगी।
श्रीमती सीतारामन ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की अवधि 30 जून 2021 से 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने की भी घोषणा की। यह योजना पिछले वर्ष अक्टूबर में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य नियोक्ताओं को रोजगार के नये अवसर पैदा करने के लिए प्रोत्साहन देना है।
वित्तमंत्री ने बताया कि भारत नेट मॉडल के तहत सार्वजनिक और निजी भागीदारी से प्रत्येक गांव में ब्रॉड बैंड सुविधा पहुंचाने के लिए 19 हजार 41 करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। सीतारामन ने बताया कि इलैक्ट्रॉनिक सामानों का बड़े स्तर पर उत्पादन करने वालों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना को 2025-26 तक बढ़ाया जा रहा है। इस योजना के तहत 2020-21 में किये गये निवेश को 2025-26 तक वैध माना जायेगा। बिजली क्षेत्र के लिए वित्तमंत्री ने तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित करने की घोषणा की।