
रायपुर 07 जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय कोयला मंत्री से कोयले की रायल्टी दर में संशोधन कर इसे 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 16 प्रतिशत करने किए जाने की मांग हैं।
श्री बघेल ने आज केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी के साथ आयोजित वर्चुअल बैठक में कहा कि वर्ष 2014 के बाद कोयले की रायल्टी की दरें संशोधित नहीं की गई हैं, जिसके कारण राज्य को राजस्व हानि हो रही है।उन्होंने रायल्टी की दर 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 16 प्रतिशत करने का आग्रह केन्द्रीय मंत्री से करते हुए कहा कि कोल इंडिया द्वारा हर तीन माह में बेसिक सेल प्राईज घोषित की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को रायल्टी से संबंधित विषय को समग्र रूप से देखने की आवश्यकता है। कोल उत्पादक राज्यों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उत्पादक राज्य होने के कारण छत्तीसगढ़ को जून 2022 से जीएसटी क्षतिपूर्ति नहीं मिलेगी। इससे पहले वर्ष लगभग पांच हजार करोड़ रूपए का नुकसान छत्तीसगढ़ को होगा। आने वाले वर्ष में यह नुकसान और अधिक बढ़ेगा।उन्होने कहा कि जब पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोज बढ़ रही हैं तब कोल की रायल्टी क्यों नहीं बढ़ सकती।
श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खदानों के साथ उद्योग भी हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ को न माइंस से और न ही उद्योगों से फायदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि खदानों के लिए हमारे जंगल और जमीन जाती है और बदले में केवल प्रदूषण बढ़ता है। ऐसे में यह नीति औद्योगिकरण को हतोत्साहित करने वाली साबित हो रही है।
केन्द्रीय मंत्री श्री जोशी ने राज्य सरकार द्वारा रखे गए मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ द्वारा पहली कमर्शियल कोल माइंस को ऑपरेशनल करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना की। छत्तीसगढ़ के खनिज साधन विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने बैठक में बताया कि राज्य सरकार द्वारा दो लाइम स्टोन ब्लॉक्स की नीलामी की गई है। छह लाइम स्टोन ब्लॉक्स की नीलामी की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा एक बॉक्साइड तथा एक आयरन ओर के नए ब्लॉक नीलामी के लिए तैयार है।
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