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भूपेश एवं महंत ने पंडित रविशंकर एवं विद्याचरण की जयंती पर उन्हें किया नमन

रायपुर 01 अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं विधानसभा अध्यक्ष डा.चरणदास महंत ने अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पं.रविशंकर शुक्ल एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल की जयंती पर उन्हें नमन किया है।

श्री बघेल ने दोनो नेताओं की जयंती की पूर्व संध्या पर यहां जारी संदेश में स्व.पंडित रविशंकर शुक्ल के योगदान को याद करते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ में जन-जागरूकता के साथ- साथ पत्रकारिता और वकालत के माध्यम से अथक सेवा की। जादी के बाद पंडित शुक्ल ने मुख्यमंत्री के रूप में उल्लेखनीय सेवाएं देते हुए विकास की नई जमीन तैयार की।श्री बघेल ने स्वं विद्याचरण शुक्ल के छत्तीसगढ़ के विकास के लिए किऐ गए योगदान को याद करते हुऐ कहा कि श्री शुक्ल अनेक वर्षों तक केंद्र में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते रहे, छत्तीसगढ़ के विकास के लिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

डा.महंत ने अलग जारी संदेश में कहा कि  पं.रविशंकर शुक्ल जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रसिद्ध नेता एवं स्वतंत्रता सेनानी थे।उनको नए ‘मध्य प्रदेश के पुरोधा’ के रूप में याद किया जाता है। उन्होने राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई, स्वदेशी खादी, राष्ट्रीय शिक्षा को बढ़ावा दिया और असहयोग सविनय अवज्ञा तथा भारत छोड़ो आंदोलन में शीर्षशत्तर भूमिकाएं निभाई।उन्होने शहीद विद्याचरण शुक्ल को याद करते हुए कहा कि 1957 में कांग्रेस के टिकट पर उन्होने महासमुंद सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा। इस सीट से वे नौ बार लोकसभा का चुनाव जीते।अपने लंबे राजनीतिक करियर में उन्होंने संचार, गृह, रक्षा, वित्त, योजना, विदेश, संसदीय आदि मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली।छत्तीसगढ़ की पहचान राष्ट्रीय पटल पर उनके नाम से जानी जाती थी।