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भूपेश ने राजीव न्याय योजना के तहत 1522 करोड़ रूपए किसानों के खाते में किया स्थानान्तरित

रायपुर 20 अगस्त।छत्तीसगढ़ सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी राजीव न्याय योजना की 1522 करोड़ रूपए की दूसरी किश्त मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज किसानों के खाते में सीधे स्थानान्तरित की।

श्री बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व.राजीव गांधी जी की जयंती ’सद्भावना दिवस’ के मौके पर आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में धनराशि स्थानान्तरित करते हुए कहा कि  राजीव गांधी किसान न्याय योजना किसानों के जीवन में नया सबेरा लेकर आई है।उन्होने कहा कि  राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना भी इस वित्तीय वर्ष के अंत तक अमल में आ जाएगी। वर्ष 2021-22 के राज्य के बजट में इस योजना को शामिल किया गया है। योजना के अंतर्गत ग्रामीण भूमिहीन मजदूरों को प्रतिवर्ष छह हजार रूपए देने का निर्णय लिया गया है। इससे लगभग 10 लाख ग्रामीण भूमिहीन मजदूर लाभान्वित होंगे।

उन्होने कार्यक्रम में राज्य के धान एवं गन्ना उत्पादक करीब 21 लाख किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 1522 करोड़ रूपए आदान सहायता के दूसरी किश्त की राशि का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया। इस राशि में से धान उत्पादक किसानों के खाते में 1500 करोड़ रूपए और गन्ना उत्पादक किसानों के खाते में 22 करोड़ तीन लाख रूपए की राशि अंतरित की गई। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पशुपालकों एवं संग्राहकों से क्रय किए गए गोबर तथा गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को कुल 9 करोड़ 03  लाख रूपए की राशि का भी ऑनलाईन अंतरण किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने भिलाई निगम क्षेत्र के अंतर्गत राजीव आश्रय योजना के हितग्राहियों को पट्टे भी वितरित किए।

श्री बघेल ने कहा कि आधुनिक भारत के प्रणेता जन-जन के प्रिय प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी का जन्मदिवस वंचित, शोषित, पिछड़े लोगों के लिए आशा का दिन है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 21 मई को राजीव जी के शहादत दिवस पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना की प्रथम किस्त 1525 करोड़ रूपए की राशि किसानों के खाते में अंतरित की गई थी। आज इस योजना की दूसरी किस्त की राशि अंतरित की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के हित को सर्वोपरि माना है। नई सरकार के गठन के तत्काल बाद किसानों की कर्ज माफी, सिंचाई कर की माफी, बिजली बिल हॉफ करने का निर्णय लिया गया। बीते ढाई सालों में धान के समर्थन मूल्य के रूप में किसानों को अब तक 46 हजार 640 करोड़ रूपए तथा फसल उत्पादकता आदान सहायता रूप में 12 हजार 500 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया, जिससे किसानों का जीवन खुशहाल हुआ है।

उन्होने कहा कि वर्ष 2020-21 में किसानों से रिकॉर्ड 92 लाख टन धान की खरीदी गई और इस वर्ष लगभग एक करोड़ टन से अधिक धान खरीदी की तैयारी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि खरीफ वर्ष 2021-22 में धान के साथ ही खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो कुटकी तथा अरहर के उत्पादकों को भी प्रतिवर्ष 9000 रू. प्रति एकड़ आदान सहायता दी जायेगी। कोदो-कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3000 रू. प्रति क्विंटल करने का निर्णय लिया गया है।