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हरित क्रान्ति के साथ ही स्वावलंबी गांव के सपने को साकार करने श्वेत क्रांति जरूरी-भूपेश

रायपुर 05 नवम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वावलंबी गांव की परिकल्पना को साकार करने के लिए राज्य को श्वेत क्रांति की दिशा में आगे बढ़ना होगा।

श्री बघेल ने आज यहां अपने निवास में गोवर्धन पूजा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गोवर्धन पूजा के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण ने हमें  संगठित रहने और प्रकृति की पूजा का संदेश दिया है। यदि हम एकजुट रहेंगे, तो बड़े से बड़े संकट से पार पा सकते हैं।उन्होने कहा कि खेती -किसानी को बढ़ावा देने की राज्य सरकार की योजनाओं से प्रदेश में किसानों की संख्या और खेती का रकबा बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना से पशुपालकों को बड़ा सहारा मिला है। गोवर्धन पूजा को हम आज राज्य में गौठान दिवस के रूप में मना रहे हैं।छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो ग्रामीणों और पशुपालकों से दो रुपए किलो में गोबर खरीद रहा है। राज्य सरकार की इस योजना ने पशु पालकों और गोबर संग्राहकों से अब तक 55 लाख क्विंटल गोबर की खरीद की है और दो रुपए किलो की दर से पशुपालकों के खाते में लगभग 110 करोड रुपए की राशि का भुगतान किया है।

श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में  प्रति दिन ढाई लाख लीटर दूध की जरूरत है,जब कि उत्पादन कम है। डेयरी उद्योग को बढ़ावा देकर इस कमी को पूरा करने के लिए श्वेत क्रांति की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में दूध का उत्पादन बढ़ाकर हम आंगनबाड़ियों, प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं के बच्चों को दूध उपलब्ध कराकर कुपोषण को दूर करने में सफल हो सकेंगे ।श्वेत क्रांति से स्वस्थ छत्तीसगढ़ के सपने को पूरा किया जा सकता है।