रायपुर, 04 दिसम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से दिल्ली में सेफी पदाधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर उनसे इस्पात क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण के विरूद्ध सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया।
सेफी के अंतर्गत आने वाले अनेक इस्पात क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों पर निजीकरण की तलवार लटकी हुई है, जिसमें मुख्य रूप से नगरनार इस्पात संयंत्र, नीलांचल इस्पात संयंत्र, राष्ट्रीय इस्पात निगम, विशाखापट्टनम तथा सेल की तीन इकाईयों के निजीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रतिनिधि मंडल से कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों की महत्ता को समझा है और इनके राष्ट्रीय व सामाजिक, शैक्षणिक तौर पर सकारात्मक प्रभाव को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए, छत्तीसगढ़ में स्थित नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण का विरोध किया है। राज्य शासन ने विधानसभा में संकल्प पारित किया है कि नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण की स्थिति में राज्य शासन इस संयंत्र का अधिग्रहण करेगा। सेफी ने संकल्प पारित किये जाने पर मुख्यमंत्री श्री बघेल को धन्यवाद दिया।
प्रतिनिधि मंडल ने श्री बघेल से आग्रह किया कि इस्पात क्षेत्र की अन्य सार्वजनिक इकाईयों को निजी हाथों में देने की जगह यदि उनका उचित समायोजन कर दिया जाये तो राष्ट्र को एक अत्यंत ही लाभप्रद कंपनी प्राप्त हो सकता है।सेफी पदाधिकारियों ने श्री बघेल से आग्रह किया कि नगरनार इस्पात संयंत्र, नीलांचल इस्पात संयंत्र तथा वायजैक इस्पात संयंत्र एक दूसरे के पूरक बन सकते हैं।