रायपुर 28 दिसम्बर।छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन योजना इस बार नई दिल्ली में राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस के परेड समारोह का हिस्सा बनेगी।
जनसंपर्क आयुक्त दीपांशु काबरा ने आज यहां बताया कि रक्षा मंत्रालय की उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति ने छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना पर बनी झांकी को अपनी हरी झंडी दे दी है।समिति में देश के प्रमुख शिल्पज्ञ, पेंटर, फोटोग्राफर, संगीतज्ञ, गायक और अन्य विधाओं के विशेषज्ञ सदस्य थे।दो माह से चल रही चयन प्रक्रिया के विभिन्न दौर से गुजरते हुए छत्तीसगढ़ ने यह सफलता हासिल की हैं।
उन्होंने बताया कि देश के केवल 12 राज्यों को ही इस बार राजपथ पर अपने राज्य की झांकी के प्रदर्शन का अवसर मिला हैं।गोधन न्याय योजना पर केंद्रित छत्तीसगढ़ की झांकी ग्रामीण संसाधनों के उपयोग के पारंपरिक ज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के समन्वय से एक साथ अनेक वैश्विक चिंताओं के समाधानों के लिए विकल्प प्रस्तुत करेगी।
श्री काबरा के अनुसार झांकी के अग्रभाग में गाय के गोबर को इकट्ठा करके उन्हें विक्रय के लिए गौठानों के संग्रहण केंद्रों की ओर ले जाती ग्रामीण महिलाओं को दर्शाया जाएगा। ये महिलाएं पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा में होंगी, जो हाथों से बने कपड़े और गहने पहने हुए होंगी। इन्हीं में से एक महिला को गोबर से उत्पाद तैयार कर विक्रय के लिए बाजार ले जाते दिखाया जाएगा।झांकी के पृष्ठ भाग में गौठानों को रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में विकसित होते दिखाया जाएगा।