जांजगीर 02 जनवरी।छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में स्थित मड़वा ताप विद्युत गृह के 28 दिनों से आन्दोलन कर संविदा कर्मचारी आज उग्र हो गए और आज पुलिस से उनका टकराव हो गया।इसके बाद आक्रोशित कर्मचारियों ने पुलिस एवं प्रशासन के वाहनों में तोडफोड़ की।
पुलिस का दावा हैं कि भीड़ में से कतिपय तत्वों ने पथराव भी किया जिसके बाद उसके द्वारा उऩ्हे नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।संविदा कर्मचारी भूविस्थापित हैं और उन्हे नियमित नौकरी का भरोसा दिलाकर उऩकी जमीने संयंत्र के लिए ली गई थी। अभी बड़ी संख्या में ऐसे भूविस्थापित भी हैं जिन्हे अभी तक नौकरी नही मिली हैं।
इस बीच राज्य सरकार की ओर से रायपुर में जारी बयान के अनुसार नियमितीकरण की मांग को लेकर पिछले 28 दिनों से आन्दोलन कर रहे मड़वा ताप विद्युत गृह के संविदा कर्मचारियों से आज प्रशासन ने जब कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए हट जाने का आग्रह किया तो आंदोलन कारियों ने पथराव शुरू कर दिया।इन आन्दोलनकारियों ने गत 31 दिसम्बर से संयंत्र का मुख्य द्वार बन्द कर दिया था जिससे ड्यूटी पर गए लोग बाहर नही निकल पा रहे थे। प्लांट में कुछ ऐसे कर्मचारी फंसे थे जो ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीज थे जिन्हें वहां से निकालना जरूरी था, ऐसी में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
आन्दोलनरत कर्मचारियों की मांग पर कई बार हीलाहवाली करने के बाद प्रशासन ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उनकी बात छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के अध्यक्ष से कराई। इसके बाद भी आंदोलनकारियों ने हटने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती वो नहीं हटेंगे।
इस पर जांजगीर कलेक्टर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को समझाने की कोशिश की कि उनकी सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा रहा है, चुंकि कोरोना का संक्रमण गंभीर रूप से बढ़ रहा है इसलिए वे फिलहाल आंदोलन स्थल से हट जाएं।संविदा कर्मचारियों के उग्र होने तथा उनकी पुलिस से साथ झड़प के बाद दोनो तरफ से तमाम लोगो को चोटे आई हैं।अभी भी वहां पर तनाव की स्थिति बनी हुई है।वहां पर अतिरिक्त पुलिस बल भेजा जा रहा हैं।