तेज बुखार में तुलसी के पत्तों से राहत मिल सकती है।इसकी पुष्टि आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने भी की है।अगर आप या फिर आपके घर में कोई तेज बुखार से पीड़ित है और बुखार कम होने का नाम नहीं ले रहा है तो आपको डॉक्टरी सलाह के साथ प्राकृतिक नुस्खे का भी इस्तेमाल करना चाहिए ताकि तेज बुखार से जल्दी आराम मिल सके।
तुलसी के पत्तों से बने बेहद आसान नुस्खों के बारे में जिनका इस्तेमाल करके आप तेज बुखार से फौरन राहत पा सकते हैं।तेज बुखार से पीड़ित मरीज को फौरन राहत दिलाने में तुलसी के पत्ते काफी मददगार होते हैं। इसके लिए तुलसी के कुछ पत्तों का पेस्ट बनाकर उसे मरीज के पैरों के तलवे पर लगाना चाहिए।
इसके अलावा बुखार आने पर तुलसी के 10 पत्ते और आधा ग्राम जावित्री पीसकर शहद के साथ खाना फायदेमंद होता है। इस नुस्खे के इस्तेमाल से तेज बुखार से पीड़ित मरीज को काफी आराम मिलता है।
हिंदू धर्म में ना सिर्फ पूजा पाठ में तुलसी का बहुत महत्व है बल्कि आयुर्वेद में भी तुलसी को जड़ीबूटी की रानी कहा जाता है क्योंकि इसमें बदलते मौसम से होनेवाली बीमारियों और बुखार से लड़नेवाले एंटीबैक्टीरियल व एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं।
बुखार के अलावा सर्दी-जुकाम जैसी समस्या हो जाने पर एक कप पानी में तुलसी के 5-7 पत्ते, 2-3 लौंग थोड़ी चीनी डालकर 10 मिनट तक उबालें और उसे दिन में दो बार पीएं। ऐसा करने से सर्दी-जुकाम से काफी आराम मिलता है।
करीब से 6 से 8 तुलसी के पत्ते और चंदन की लकड़ी को घिसकर उससे बने पेस्ट को सिर पर लगाने से तेज सिरदर्द से राहत मिलती है।तुलसी के कुछ पत्ते और कालीमिर्च के कुछ दाने डालकर बनाई गई चाय का सेवन करने से मांसपेशियों के दर्द में राहत मिलती है।
गठिया के दर्द से परेशान लोगों के लिए तुलसी के पत्ते किसी वरदान से कम नहीं है। इस दर्द से आराम पाने के लिए तुलसी के पत्तों से बने चूर्ण में से आधा चम्मच सुबह और शाम दूध के साथ पीना चाहिए।
तुलसी के 5 से 7 पत्ते या इसके रस की कुछ बूंदे 3-4 लौग एक ग्राम कालीमिर्च को एक कप पानी में उबालकर और गुनगुना होने पर उसमें नमक मिलाकर उसका सेवन करना चाहिए। इस नुस्खे से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और आप स्वस्थ रहते हैं।
तेज बुखार के अलावा मौसमी बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए तुलसी के पत्तों के इन आसान नुस्खों का इस्तेमाल करना आपके लिए काफी हद तक फायदेमंद हो सकता है और इससे किसी भी तरह से साइडइफेक्ट का कोई डर भी नहीं रहता है।