मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel की अध्यक्षता में उनके निवास कार्यालय में आयोजित कैबिनेट की बैठक हुई प्रारंभ। pic.twitter.com/ExoY2zQmz1
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) July 14, 2022
CM भूपेश कैबिनेट की बैठक हुई खत्म, मछुआ नीति को मिली मंजूरी, नई स्थानांतरण नीति के लिए मंत्रिमंडलीय उपसमिति बनाने का किया फैसला
Chhattisgarh Cabinet Meeting Latest Update: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में स्थानांतरण पर लगी रोक को हटाने पर चर्चा हुई है। नई स्थानांतरण नीति के लिए कैबिनेट ने मंत्रिमंडलीय उपसमिति बनाने का फैसला किया है। मछुआ नीति को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
बैठक में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान पेश किए जाने विधेयकों को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इसमें पेसा कानून का विधेयक भी शामिल है। विधायकों का वेतन बढ़ाने को लेकर भी कैबिनेट ने विधेयक को मंजूरी दे दी है।
बैठक में लिए निर्णय के संबंध में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि प्रदेश में स्वीकृत सहायक आरक्षकों के पदों को समाप्त कर डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स संवर्ग के सृजन की स्वीकृत के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इससे पुलिस विभाग के सहायक आरक्षकों के वेतन संबंधी विसंगति को दूर होगी और प्रदेश के समस्त सहायक आरक्षकों को नियमित वेतनमान प्राप्त होगा।
प्रथम अनुपूरक अनुमान वर्ष 2022-2023 का विधान सभा में उपस्थापन बाबत् छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2022 के प्ररूप का अनुमोदन किया गया। वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी राजस्व लक्ष्य एवं गौठान के विकास तथा अन्य विकास गतिविधियों के लिये अतिरिक्त राशि की आवश्यकता की प्रतिपूर्ति के लिए ‘‘अतिरिक्त आबकारी शुल्क‘‘ में वृद्धि किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
बीते दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी के सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित छत्तीसगढ़ निषाद केंवट समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में मछुआ नीति को लेकर घोषणा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि मछुआ नीति का प्रारूप तैयार कर लिया गया है।
छत्तीसगढ़ की मछुआ नीति को कैबिनेट की अगली बैठक में मंजूरी दी जाएगी। राज्य में मछली पालन को पहले से ही कृषि का दर्जा दिया गया है। इस नीति के तहत मछलीपालन करने वाले लोगों को किसानों के जैसे बिना ब्याज का ऋण और बिजली शुल्क में छूट दी जा रही है।
मछुआ नीति आने से प्रदेश में निषाद केंवट समाज के लोगों का आर्थिक विकास होगा। उन्हाेंने कहा कि समाज के लोगों के हित में राज्य सरकार द्वारा नीति बनाई जाती है, लेकिन इसका अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिलाने का दायित्व समाज का है।