रायपुर 15 जुलाई।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौठानों के ग्रामीण औद्योगिक पार्क में तैयार होने वाले उत्पादों को अच्छा बाजार दिलाने के लिए उत्पादों की गुणवत्ता, उचित कीमत और मार्केटिंग पर विशेष रूप से ध्यान देने का निर्देश दिया हैं।
श्री बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में गौठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में विकसित करने के लिए किए जा रहे कार्यों, गोधन न्याय योजना, सी-मार्ट और मुख्यमंत्री रेशम मिशन के कार्यों की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिए।उन्होने कहा कि गांव की जरूरत के अनुसार उत्पाद तैयार करने तथा जिन चीजों की खपत स्थानीय स्तर पर हो सकती है, उनका उत्पादन प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए।उन्होने गौठानों में तैयार उत्पादों की ब्रांडिंग और उनके विक्रय के लिए अमेजान, फ्लिपकार्ड जैसे प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के भी निर्देश दिए।
उन्होने गोधन न्याय योजना की समीक्षा के दौरान सभी गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट छानने के लिए मशीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना से डेयरी उद्योग को लाभ हुआ है।उन्होने कहा कि किसान वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग कर रहे हैं, आने वाले समय में इसकी मांग बढ़ेगी, इसलिए वर्मी कम्पोस्ट का अधिक से अधिक उत्पादन किया जाना चाहिए। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि गौठानों में लगभग 19 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया गया है, जिसका किसानों को विक्रय किया जा रहा है। वर्तमान में लगभग तीन लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट ही बचा है।
बैठक में जानकारी दी गई कि गौठानों में 12 हजार 176 स्व-सहायता समूह काम कर रहे हैं, जिनमें 83 हजार 874 महिलाएं सदस्य हैं। इन समूहों को अब तक विभिन्न गतिविधियों से लगभग 65 करोड़ 18 लाख रूपए की आय प्राप्त हो चुकी है। स्व-सहायता समूह वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन, सामुदायिक बाड़ी, मशरूम उत्पाद, मुर्गी पालन, मछली पालन, बकरी पालन के साथ-साथ गोबर से दीया, गमला, अगरबत्ती बना रहे हैं। इसके साथ ही साथ सेनेटरी पेड, बैग निर्माण, फेंसिंग पोल, एलईडी बल्ब, पेपर ब्लाक निर्माण जैसी गतिविधियां भी गौठानों में संचालित की जा रही है। वर्तमान में गौठानों में 79 तेल मिल, 177 दाल मिल, 364 आटा मिल, 939 मिनी राईस मिल स्थापित की है।