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सरकार ने किसानों, श्रमिकों, गरीबों के आर्थिक समृद्धि के लिए किया हैं काम-भूपेश

रायपुर, 19 जुलाई।”छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा हैं कि उनकी सरकार ने किसानों, श्रमिकों, गरीबों, गौपालकों के आर्थिक समृद्धि के लिए काम किया है।हम आदिवासी संस्कृति को बचाने और सहेजने का काम कर रहे हैं।

श्री बघेल आज यहां स्वदेश न्यूज के लॉन्चिंग मौके पर यह विचार व्यक्त किए।उन्होने कहा कि, हमारी सरकार महापुरुषों के दिखाए पथ पर चलते हुए काम कर रही है। किसानों, श्रमिकों, गरीबों, गौपालकों के आर्थिक मजबूती देने के लिए काम किया जा रहा है। आज स्वास्थ्य, शिक्षा बहुत महंगी हो चुकी हैं। बीमारियां बताकर नहीं आतीं, और मध्यमवर्गीय या निम्न वर्गीय परिवार ऐसे परिस्थितियों के लिए तैयार नहीं होता। ऐसे में डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के जरिए 5 लाख और मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना में 20 लाख रुपये तक की सहायता राज्य सरकार मुहैया करा रही है।

उन्होने कहा कि हम आदिवासी संस्कृति को बचाने और सहेजने का काम कर रहे हैं। देवगुड़ियों का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। आदिवासी सभ्यता में गहराई से जुड़े घोटूल की सभ्यता को भी सहेजा जा रहा है। आदिवासी संस्कृति अपनी परम्पराओं के लिए जानी जाती है, लेकिन पूर्व में इनकी ओर ध्यान नहीं दिया गया। हमारी सरकार उस संस्कृति के संवर्धन के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि, वर्तमान राज्य सरकार गायों की सच्ची सेवा में लगी है।गायों के गोबर खरीदने की पहल के बाद अब आने वाले हरेली तिहार के मौके से गौमूत्र खरीदी की भी शुरुआत राज्य में की जाएगी। गोधन न्याय योजना शुरू करने के बाद आवारा मवेशियों की समस्या को दूर करने में मदद मिली है। वहीं बुढ़े मवेशियों को जहां लोग पहले खुले में छोड़ देते थे, और उन मवेशियों को चारा तक नसीब नहीं होता था, आज गोधन न्याय योजना के बाद गौपालक इन मवेशियों के लिए रहवास और चारा की व्यवस्था कर रहे हैं।

एक सवाल के जवाब में श्री बघेल ने कहा कि आज ही के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था। इससे बड़ा आर्थिक परिवर्तन देश में हुआ। उन्होंने कहा कि, शासन का काम सोशल वेलफेयर का होना चाहिए। मंच से मुख्यमंत्री ने बताया कि भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान बस्तर के सुदूर इलाकों में भी आदिवासी और वनवासी अब स्कूल और बैंक की मांग कर रहे हैं। अब आदिवासी-वनवासी भी शिक्षा के महत्व को समझ रहे हैं। वहीं राज्य सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी भूमिहीन ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना, लघुवनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और मूल्य संवर्धन करने के काम किए, उन्हें बाजार उपलब्ध कराया। इससे अब वनवासी क्षेत्रों के लोगों के जेब में भी पैसा है। अब वे अपना पैसा बैंकों में रखना चाहते हैं। इसलिए बैंकों की मांग कर रहे हैं।

प्रदेश में बेरोजगार दर न्यूनतम होने के सवाल पर श्री बघेल ने कहा कि सिर्फ शासकीय नौकरी देकर ही बेरोजगारी कम नहीं की जा सकती। हालांकि 1998 के बाद प्रदेश में पहली बार हमारी सरकार आने के बाद बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती की गई, सहायक प्राध्यापकों की भर्ती हुई। पुलिस विभाग में भर्तियां हुई और एसआई समेत अनेक भर्तियां प्रक्रिया में है लेकिन शासकीय नौकरी में भर्ती की एक सीमा है। इसके लिए हमने अन्य विकल्प पर विचार किया और ऐसी योजनाएं तैयार कीं, जिससे लोगों को आर्थिक लाभ हो सके। राज्य सरकार की पॉलिसी के बाद आज कृषि की ओर रुझान बढ़ा है। पिछले 15 साल में जहां हर साल कृषि का रकबा कम हो रहा था, बीते तीन साल में कृषि का रकबा पहले से बढ़ा है।