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सतत प्रयासों से ही प्रदूषण के स्तर में आ सकती हैं कमी – अमन सिंह

रायपुर 18 नवम्बर।छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल के अध्यक्ष और आवास एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण मंडल और उद्योगों के संयुक्त प्रयास से ही प्रदूषण को कम किया जा सकता है।

श्री सिंह आज यहां न्यू सर्किट हाउस में ऑनलाईन कन्सेन्ट मैनेजमेंट एण्ड मॉनिटरिंग सिस्टम के उपयोग पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा प्रदेश में पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के निर्देश दिए गए हैं।इस दिशा में मंडल लगातार प्रयास कर रहा है।उद्योगों को भी प्रदूषण कम करने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए।उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाले उद्योगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होने कहा कि ठंड का समय प्रदूषण के लिहाज से काफी चुनौतीपूर्ण होता है।उद्योगों को भी इसके लिए गंभीरतापूर्वक प्रयास करने चाहिए।उन्होंने कहा कि उद्योगों के साथ-साथ कचरा और टायर जलाने और निर्माण कार्यों के दौरान निकलने वाली धुल से भी प्रदूषण होता है जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है।वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रण करने की आवश्यकता है।

श्री सिंह ने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करना जरूरी है। सघन वृक्षारोपण के लिये हम प्रयासरत है।उद्योगों को भी अपने परिसर में सघन वृक्षारोपण करना चाहिए।यदि उनके पास स्थान उपलब्ध नहीं है, तो उन्हें वृक्षारोपण के लिए नया रायपुर मे स्थान उपलब्ध कराया जाएगा।

उन्होंने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि उद्योगों को सुविधा देने की दृष्टि से पर्यावरण मण्डल द्वारा रेड, ऑरेंज और ग्रीन कैटेगरी के उद्योगों को क्रमशः 5, 10 एवं 15 वर्षो के लिये सम्मति नवीनीकरण का प्रावधान किया गया है।ऑनलाईन कन्सेन्ट मेनेजमेंट और मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से कन्सेन्ट की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है।

श्री सिंह ने कहा कि पिछले दो-तीन वर्षो में औद्योगिक प्रदूषण में कमी के साथ साथ वाहन प्रदूषण स्तर, बायोमास बर्निंग, बायो मेडिकल वेस्ट आदि पर नियंत्रण पाया गया है।  17 प्रकार के अति प्रदूषणकारी उद्योगों में ऑनलाईन मॉनिटरिंग सिस्टम की स्थापना कराई गई है। जिसके फलस्वरूप रायपुर शहर का प्रदूषण स्तर कम हुआ है। हमारी कोशिश है कि रायपुर शहर का एयरक्वालिटी इन्डेक्स आने वाले समय में 100 से भी नीचे आ जाये।