नई दिल्ली 19 नवम्बर।उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के खिलाफ सार्वजनिक स्थान पर फोन पर उनकी जाति को लेकर टिप्पणियां करना अपराध है।
न्यायालय ने इस बारे में दायर एक याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि इसके लिए अधिकतम पांच वर्ष तक की जेल की सज़ा सुनाई जा सकती है।न्यायालय ने एक व्यक्ति के खिलाफ अपराध संबंधी कार्यवाही पर रोक लगाने और एफआईआर रद्द करने से इंकार कर दिया।
आरोप है कि इस व्यक्ति ने अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग की एक महिला के खिलाफ फोन पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं।