रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राष्ट्रपति भवन के कल्चरल सेंटर में नीति आयोग की 7वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई। इस बैठक में अधिकतर प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश के सीएम सम्मिलित हुए। बैठक में अलग-अलग प्रदेशों के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के सामने अपनी दिक्कतें रखीं। बैठक के चलते छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने बैठक में कोयले समेत मुख्य खनिजों की रॉयल्टी दर में संशोधन का आग्रह किया। उन्होंने GST के मुआवजे का मुद्दा भी उठाया। बघेल ने जून 2022 के बाद भी अगले 5 वर्ष के लिए GST मुआवजा अनुदान जारी रखने की अपील की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि GST कर प्रणाली की वजह से प्रदेश को राजस्व का नुकसान हो रहा है। उन्होंने नक्सल उन्मूलन के लिए तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों पर 12 हजार करोड़ के खर्च की प्रतिपूर्ति की मांग भी की।
बैठक में मुख्यमंत्री बघेल ने और क्या कहा?
– केंद्रीय कर में प्रदेशों की भागेदारी बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रदेशों के संसाधनों पर दबाव बढ़ा है।
– बघेल ने कर्मचारियों के हित में नई पेंशन योजना में जमा राशि वापस करने की मांग की।
आपको बता दें कि तेलंगाना के सीएम के। चंद्रशेखर राव (KCR) ने बैठक का बहिष्कार किया था। इसके अतिरिक्त बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी बैठक में सम्मिलित नहीं हुए। KCR ने कई मुद्दों को लेकर बायकॉट किया था। उन्होंने कहा, ‘मुझे नीति आयोग की 7वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेना आवश्यक नहीं लग रहा है। केंद्र राज्यों के साथ पक्षपात करता है। और भारत को मजबूत और विकसित देश बनाने की सामूहिक कोशिश में हिस्सेदारी नहीं करता’। केसीआर ने बकायदा पत्र लिखकर बैठक में न आने का कारण बताया है।
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