रायपुर/नई दिल्ली/ 07 अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली से राज्यों को राजस्व की हानि हुई है।
श्री बघेल ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की सातवीं बैठक में आज कहा कि आगामी वर्ष में राज्य को लगभग 5000 करोड़ के राजस्व की हानि की भरपाई की व्यवस्था केंद्र द्वारा नहीं की गयी है, इसलिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को जून 2022 के बाद भी आगामी 05 वर्षों के लिए जारी रखा जाय।
उन्होंने कहा कि विगत तीन वर्षों के केन्द्रीय बजट में छतीसगढ़ को केन्द्रीय करों में हिस्से की राशि 13,089 करोड़ कम प्राप्त हुए हैं। जिससे राज्य के संसाधनों पर अत्याधिक दबाव की स्थिति निर्मित हुई है। केन्द्रीय करों के हिस्से की राशि पूर्णतः राज्य को दी जाय।
श्री बघेल ने कोल ब्लॉक कंपनियों से कोल उत्खनन पर 295 रुपये प्रति टन के मान से केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ छत्तीसगढ़ को शीघ्र देने की मांग की। उन्होने कहा कि राज्य का लगभग 65 प्रतिशत खनिज राजस्व का स्रोत प्रदेश में संचालित लौह अयस्क खानें है। रॉयल्टी दरों में संशोधन राज्य के वित्तीय हित में आवश्यक है। श्री बघेल ने कोयला एवं अन्य मुख्य खनिजों की रॉयल्टी की दरों में संशोधन का अनुरोध किया।
उन्होने कहा कि आंतरिक सुरक्षा पर होने वाला व्यय केंद्र शासन द्वारा वहाँ किया जाना चाहिए। नक्सल उन्मूलन के लिए राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती पर हुये सुरक्षा व्यय 11 हजार 828 करोड़ रुपये को केंद्र सरकार द्वारा वहन करते हुये राज्य को इस बकाया से मुक्त किया जाए।
श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ के वनांचल 10 आकांक्षी जिलों में 5 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में वन संरक्षण अधिनियम के तहत छूट देने का भी आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होने नवीन पेंशन योजना में जमा राशि की वापसी, जूट बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित करने सहित अन्य लंबित मांगों पर शीघ्र कार्रवाई का अनुरोध किया।