भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगले 2-3 दिनों के दौरान मध्य भारत में भारी बारिश होने की संभावना है। आईएमडी के मुताबिक, एक निम्न दबाव का क्षेत्र पूर्वोत्तर अरब सागर के साथ-साथ सौराष्ट्र और कच्छ के आसपास के तटीय क्षेत्रों और दक्षिण-पूर्वी पाकिस्तान के ऊपर बना हुआ है। इसके भारतीय तट से दूर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। अगले 12 घंटों के दौरान पूर्वोत्तर अरब सागर और पड़ोस के ऊपर एक दबाव के रूप में तेज होने की संभावना है।
मॉनसून ट्रफ भी सक्रिय है और अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण में स्थित है। अगले 5 दिनों के दौरान मॉनसून ट्रफ के सक्रिय होने और अपनी सामान्य स्थिति के आसपास रहने की संभावना है। अपतटीय ट्रफ रेखा उत्तरपूर्वी अरब सागर पर अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र के केंद्र से और सौराष्ट्र और कच्छ के आसपास के तटीय क्षेत्रों और दक्षिण-पूर्वी पाकिस्तान से केरल तट तक औसत समुद्र स्तर पर चल रही है। वहीं, गंगीय पश्चिम बंगाल के पश्चिमी हिस्सों और निचले और मध्य क्षोभमंडल स्तर पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है।
13 अगस्त के आसपास बंगाल की उत्तरी खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके बाद के 24 घंटों के दौरान और अधिक चिह्नित होने और उसके बाद पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है।
इन प्रणालियों के प्रभाव से 14 अगस्त तक पश्चिम मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। वहीं, छत्तीसगढ़ और गुजरात में 16 अगस्त तक बारिश के आसार हन रहे हैं। कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में 26 अगस्त तक बारिश का पूर्वानुमान किया गया है। पश्चिम मध्य प्रदेश और पूर्वी मध्य प्रदेश के साथ-साथ विदर्भ में 16 अगस्त तक बहुत भारी वर्षा की संभावना है।
पूर्वी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश और गरज के साथ बिजली गिरने की भी संभावना है। उत्तराखंड, पश्चिमी राजस्थान में 13 अगस्त तक, जम्मू-कश्मीर में 16 अगस्त तक, पूर्वी राजस्थान में भी 15 और 16 अगस्त को बहुत भारी बारिश की संभावना है।
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