पूर्व बिजली सप्लाई में खराबी के कारण जलमग्न एसईसीएल की नवापारा भूमिगत खदान के मेनडीप में उत्पादन कार्य हुआ शुरू
सप्ताह भर पूर्व बिजली सप्लाई में खराबी के कारण जलमग्न एसईसीएल की नवापारा भूमिगत खदान के मेनडीप में उत्पादन कार्य शुरू हो गया है। खदान के मेनडीप में पानी भर जाने की वजह से लाखों रुपये लागत का करीब डेढ़ हजार टन कोयला उत्पादन नहीं हो सका। बीएमएस ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। ढाई साल पूर्व भी इसी खदान के जलमग्न होने से एक माह से अधिक समय तक कोयला उत्पादन बाधित रहने से करोड़ों का कोयला उत्पादन नहीं होने के साथ ही कंपनी को भारी क्षति का सामना करना पड़ा था।
एसईसीएल भटगांव क्षेत्र की नवापारा खदान में 24 अगस्त की रात्रि पल्ली में विद्युत आपूर्ति ठप होने की वजह से खदान के 59 लेबल से 70 लेबल तक एचटी केबिल ब्लास्ट हो गया था। इसकी वजह से मेनडीप के साथ-साथ 79 लेबल वेस्ट पैनल जलमग्न हो गया। खदान के कोयला उत्पादन स्थल 79 लेबल वेस्ट पैनल में कोयला उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया था। जलमग्न की स्थिति में मोटर, पंप आदि भी डूब गए थे। खदान के मेनडीप के जलमग्न होने से प्रबंधन में खलबली मच गई थी। खान प्रबंधक राजकुमार एवं उनकी टीम द्वारा जल नियंत्रित करने की कोशिश तेज कर दी गई थी।
काफी मशक्कत के बाद बीते मंगलवार की देर शाम को जल नियंत्रित कर कोयला उत्पादन प्रारंभ किया जा सका। इससे कंपनी को काफी क्षति का सामना करना पड़ा है। बता दें कि करीब ढाई साल पहले किसी खदान के 57 लेवल के जलमग्न हो जाने के कारण एक माह से अधिक समय तक खदान में कोयला उत्पादन बाधित रहा था। इससे करोड़ों रुपए का कोयला उत्पादन प्रभावित हुआ था। इतना ही नहीं उस समय जलमग्न हुए 56 लेवल के वीसीबी, स्विच तथा 22 किलोवाट के मोटर की रिकवरी आज पर्यंत नहीं हो सकी है।
खदान में नियमों की अनदेखी का भी आरोप-
खदान में नियमों की अनदेखी को लेकर एक श्रमिक संगठन द्वारा उच्चाधिकारियों से शिकायत पर जांच की मांग भी की गई है। इसमें प्रबंधन पर आरोप लगाया गया है कि इलेक्ट्रिक विभाग के एक फोरमैन समेत तीन इलेक्ट्रिकल फिटर को वर्षों से नियम विरुद्ध ढंग से सरफेस में रखा गया है। यह भी आरोप है कि केटेगरी दो के दो सब स्टेशन अटेंडेंट को बिना कंपनी मुख्यालय की अनुमति के अंडर ग्राउंड भत्ता काटकर 10 वर्षों से सरफेस में रखा गया है। वरिष्ठ इलेक्ट्रिकल सुपरवाइजर के होने के बावजूद कनिष्ठ इलेक्ट्रिकल सुपरवाइजर से खदान संचालन कराए जाने के कारण ही 3 साल में चार बार खदान जलमग्न होने की शिकायत की गई है। शिकायत में बताया गया है कि यही कारण है कि लाखों रुपए लागत के विद्युत उपकरण जल गए हैं। वही खदान में अर्थ लीकेज सिस्टम समेत ओवरलोड प्रोटक्शन बाइपास होने से खदान में कभी भी बड़ी दुर्घटना होने की संभावना शिकायत में व्यक्त की गई है।
खदान के जलमग्न होने की निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए। बार-बार खदान का जलमग्न होना प्रबंधकीय लापरवाही का नतीजा है। खदान में नियमों की अनदेखी के कारण खदान में अव्यवस्था निर्मित है। इन बातों को लेकर बीएमएस ने उच्च स्तर तक शिकायत कर निष्पक्ष जांच करा दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई है।
संजय सिंह नेता बीएमएस
सदस्य, कंपनी सुरक्षा समिति एसईसीएल
24 अगस्त को विद्युत आपूर्ति कई घंटे बंद रहने के कारण खदान का जलस्तर बढ़ गया था। इसे लगातार प्रयास कर नियंत्रित कर लिया गया है। बीते मंगलवार की शाम को जल नियंत्रित कर खदान में कोयला उत्पादन प्रारंभ कर लिया गया है।
राजकुमार, खान प्रबंधक
नवापारा खदान, भटगांव क्षेत्र