वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी और और अगले वित्त वर्ष में भी यही विकास दर होगी। एक कार्यक्रम में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि हमारे अपने अनुमान नए घटनाक्रमों पर आधारित हैं और उम्मीद है कि हम इस स्तर को निश्चित रूप से प्राप्त कर लेंगे। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) और विश्व बैंक ने भी अगले दो वर्षो में भारत की विकास दर तेज रहने का अनुमान जताया है।
वैश्विक स्थितियां लगातार चुनौतीपूर्ण बनी हुई हैं: निर्मला सीतारमण
इन दोनों संस्थाओं का अनुमान आरबीआइ के अनुमान से भी मेल खाता है। वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक स्थितियां लगातार चुनौतीपूर्ण बनी हुई हैं और अभी इनको लेकर सावधानी बरतने का यह सही समय नहीं है। उन्होंने कहा कि वैश्विक विकास दर में कमी के कारण निर्यात क्षेत्र बाधाओं का सामना करेगा और सरकार नई चुनौतियों का सामना करने के लिए संबंधित संस्थाओं के साथ मिलकर काम करेगी।
रेवड़ी संस्कृति पर बोली निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रेवड़ी संस्कृति को लेकर एक कठोर बहस की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव से पहले वादे करने वाले राजनीतिक दलों को खरचों का ध्यान रखने के लिए बजटीय प्रविधान करना चाहिए, न कि अन्य संस्थाओं पर बोझ डालना चाहिए। बिजली वितरण और उत्पादन कंपनियों इस तरह की मुफ्त योजनाओं का खामियाजा भुगतना पड़ता है।
कुछ दिनों पहले जानकारी मिली थी कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीडीपी की विकास दर 15.7 प्रतिशत रह सकती है। एसबीआइ इकोरैप के अनुमान के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर सात प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.5 प्रतिशत तो चौथी तिमाही में 4.1 प्रतिशत रह सकती है। वहीं केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में भारत का वस्तु निर्यात 470-480 अरब डालर तक पहुंचने का अनुमान जताया है।