रायपुर 10 अप्रैल।छत्तीसगढ़ सरकार ने औद्योगिक एवं आर्थिक मंदी के कारण स्टील एवं अन्य उद्योगों को प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए ऊर्जा प्रभार और विद्युत शुल्क में विशेष राहत पैकेज के रूप में दी गई रियायत को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया है।
राजस्व और उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए बताया कि आर्थिक मंदी के कारण स्टील एवं अन्य उद्योगों को प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए दी जा रही रियायत गत 31 मार्च को समाप्त हो गई है, जिसे आज मंत्रिपरिषद की बैठक में चालू वित्तीय वर्ष में एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 तक अर्थात एक वर्ष और जारी रखने का भी निर्णय लिया।
श्री पाण्डेय ने बताया कि राज्य के 400 से ज्यादा स्टील उद्योगों को इसका लाभ मिलेगा। इन उद्योगों को मिलने वाली रियायतों के फलस्वरूप वे बाजार की प्रतिस्पर्धा में टिके रहेंगे और उनके बंद होने की स्थिति नहीं आएगी। इससे श्रमिकों का रोजगार भी बना रहेगा। साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कम्पनी को बिजली की मांग में वृद्धि की स्थिति बनाए रखने में मदद मिलेगी।
उन्होंने बताया कि राज्य विद्युत वितरण कम्पनी और अन्य लायसेंसी से बिजली की सप्लाई प्राप्त कर रहे स्टील उद्योगों को विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित टैरिफ के अनुसार लागू ऊर्जा प्रभार में 50 पैसे प्रति यूनिट की छूट मिलेगी। रियायती दर पर उन्हें बिजली की सप्लाई करने पर राज्य शासन द्वारा विद्युत वितरण कम्पनी को 238 करोड़ रूपए का अनुदान दिया जाएगा।
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