
नई दिल्ली 04 सितम्बर।वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर महंगाई और बेरोजगारी रोकने में असफल होने और देश में नफरत का माहौल पैदा करने का आरोप लगाया हैं।
श्री गांधी ने आज यहां रामलीला मैदान में पार्टी की हल्ला बोल रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार के पिछले आठ वर्षों के कार्यकाल में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है।इसे रोकने की बजाय मोदी सरकार लोगो का इन गंभीर समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए नफरत एवं भय का माहौल बनाने में जुटी है।उन्होने कहा कि सरकार की गलत नीतियों से जहां महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी है वहीं लोगो में देश में बढ़ रही नफरत से चिन्ता है।
उन्होने कहा कि सरकार की नीतियों के चलते आने वाले समय में महंगाई और बेरोजगारी की समस्या और गंभीर होने वाली हैं। श्री गांधी ने कहा कि मोदी सरकार गरीब और आम लोगों को हर तरह से दर्द देने का काम कर रही है। युवाओं को बेरोजगारी का दर्द, गरीबों को महंगाई का दर्द और अन्य लोगों में नफरत का दर्द बांटा जा रहा है। नफरत से समाज टूटता है और बेरोजगारी से युवा तथा महंगाई से घर परिवार का बजट तबाह हो रहा है।
उन्होंने कहा कि लोगों को एक तरफ बेरोजगारी की चोट लग रही है तो दूसरी तरफ महंगाई की मार पड़ रही है। साल 2014 में रसोई गैस का सिलेंडर 410 रुपए का था जो आज 1050 रुपए का हो चुका है। इसी तरह से तब पेट्रोल 70 प्रति लीटर था जो आज 100 प्रति लीटर पर है, डीज़ल तब 55 प्रति लीटर था और आज 90 रुपए प्रति लीटर पर है। सरसों का तेल 90 प्रति लीटर से बढकर आज 200 प्रति लीटर पर है।
सरकार पर तीखे स्वर में हमला करते हुए उन्होंने कहा,“मोदी जी, ये लीजिए महंगाई का पूरा ब्यौरा, आटे से लेकर, तेल, सिलेंडर, दूध, पेट्रोल, के दामों में आपने आग लगा दी है। लीटर छोड़िए, जनता की फ़िक्र कीजिए। हिंदुस्तान के आम नागरिक बहुत मुश्किल में हैं, बहुत दर्द सह रहे हैं। विपक्ष इन बातों को संसद में उठाना चाहता है तो तब मोदी सरकार विपक्ष को संसद में बोलने नहीं देती है।”
नोटबंदी को लेकर भी उन्होंने सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए सवाल किया,“नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की, क्या नोटबंदी से गरीबों का फायदा हुआ। गरीबों की जेब से पैसा निकाला, गरीबों से कहा गया कि ये काले धन के खिलाफ लड़ाई है। फिर सरकार ने देश के बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ किया।”उन्होंने कहा कि यह सरकार उद्योगपतियों को फायदा दे सकती है लेकिन किसानों और गरीबों के लिए उसके पास कुछ नहीं है। उन्होंने कहा,“उद्योगपतियों का कर्ज माफ करते हैं लेकिन ये किसान का कर्ज माफ नहीं करेंगे, किसानों के खिलाफ तीन काले कानून लाएंगे। ये तीन काले कानून किसानों के लिए नहीं थे, ये काले कानून उन्हीं दो उद्योगपतियों के लिए थे। ये बात किसान समझ चुके थे, इसलिए हिंदुस्तान के किसान सड़कों पर आ गए और नरेंद्र मोदी को किसानों की शक्ति दिखा दी।”
श्री गांधी ने कहा कि मोदी सरकार को समझ लेना चाहिए कि उसने जिन दो उद्योगपतियों का कर्ज माफ किया देश को रोजगार ये दो उद्योगपति नहीं देते हैं, देश को रोजगार लघु, मध्यम उद्योग देते हैं, किसान देते हैं लेकिन मोदी सरकार ने इन्हीं लोगों की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी है।”
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