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शाह का कश्मीर मसले पर पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की वार्ता से इंकार

बारामूला 05 अक्टूबर।गृहमंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की वार्ता से इंकार करते हुए कहा कि मोदी सरकार केवल जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ बातचीत करेगी।

श्री शाह ने आज यहां एक रैली में कहा कि कश्मीर घाटी से किसी भी कीमत पर आतंकवाद का खात्मा किया जाएगा।उन्होने कहा कि..जिन्‍होंने 70 साल तक यहां राज किया वो लोग सलाह देते हैं पाकिस्‍तान से बात करो। मेरा स्‍पष्‍ट मत है मैं पाकिस्‍तान से बात करना नहीं चाहता। मेरे बारामूला के गुर्जर, पहाड़ी और बकरवाल भाइयों और बहनों से बात करना चाहता हूं, मैं कश्‍मीर के युवाओं से बात करना चाहता हूं। जरा खुली नजर, खुले दिमाग से सोचिए जिन्‍होंने दहशतगर्दी फैलाई इसने कश्‍मीर का क्‍या भला किया..।

उन्होने कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि इन तीन परिवारों ने पिछले 75 वर्षों में जम्मू-कश्मीर को बर्बाद कर दिया है। उन्‍होंने कहा कि दो पूर्व मुख्‍यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती, लोगों के दुखों के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार, कश्मीर में विकासात्मक और औद्योगिक क्रांति लाई है। गृहमंत्री ने कहा कि पिछले 75 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में सिर्फ पंद्रह हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जबकि मोदी सरकार ने कुछ ही वर्षों में 56 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है।

उन्होंने कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी पर स्थानीय युवाओं के हाथों में पत्थर और बंदूकें देने का आरोप लगाया।उन्होने कहा कि..आतंकवाद ने दुनिया में किसी का भला किया। ऐसी कोई घटना हो तो मुझे आतंकवाद के सरोकार जो है वो बता दे। दहशतगर्दी से किसी का भला नहीं। जम्‍मू-कश्‍मीर के 42 हजार लोग 90 से लेकर आज तक दहशतगर्दी के भेंट चढ़ गए, आतंकवाद के भेंट चढ गए। मुझे बताइये भाइयों, बहनों, माताओं ये 42 हजार लोगों की मृत्‍यु के लिए कौन जिम्‍मेदार है..।

श्री शाह ने कहा कि भाजपा सरकार ने कश्मीर को आतंकवाद से मुक्त करने और इसे फिर से धरती का स्वर्ग बनाने का दृढ़ संकल्प लिया है।उन्होने बताया कि मोदी सरकार के औद्योगिक पैकेज ने युवाओं के हाथों में लैपटॉप और मोबाइल फोन प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि 56 हजार करोड़ का औद्योगिक पैकेज जम्मू-कश्मीर में पंद्रह हजार रोजगार लाएगा।

उन्होंने श्री फारूक अब्दुल्ला पर आरक्षण के मुद्दे पर गुर्जर और बक्‍करवाल समुदाय को भड़काने का आरोप लगाया और स्पष्ट किया कि पहाड़ी भाषी समुदाय को समान लाभ प्रदान किया जाएगा लेकिन अन्‍य के आरक्षण कोटे में कोई कटौती नहीं की जाएगी।