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इन राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के निवासियों को मेरी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों के स्थापना दिवस पर बधाई दी है। राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट कर कहा कि आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, पंजाब, लक्षद्वीप और पुडुचेरी के लोगों को उनके स्थापना दिवस पर बधाई। इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के निवासियों की प्रगति और समृद्धि के लिए मेरी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं।
बता दें कि आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, पंजाब, लक्षद्वीप और पुडुचेरी आज अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं। आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और केरल 1956 में अस्तित्व में आए जबकि हरियाणा 1966 में और छत्तीसगढ़ 2000 में मध्य प्रदेश से बना था।

1 नवंबर, 1973 को राज्य का नाम बदलकर हुआ कर्नाटक

केरल का गठन 1 नवंबर, 1956 को त्रावणकोर, कोचीन और मालाबार को मिलाकर किया गया था। 1 नवंबर 1956 को हैदराबाद के सभी तेलुगु भाषी क्षेत्रों को एक साथ लाकर आंध्र प्रदेश का गठन किया गया था। कर्नाटक राज्य पुनर्गठन अधिनियम के पारित होने के बाद 1 नवंबर, 1956 को कर्नाटक राज्योत्सव दिवस पर स्थापित किया गया था। कर्नाटक का गठन तब हुआ जब भारत के सभी कन्नड़ भाषी क्षेत्रों को मिलाकर एक राज्य बनाया गया। हालांकि, 1 नवंबर, 1973 को राज्य का नाम बदलकर कर्नाटक करना पड़ा। इसे मूल रूप से मैसूर राज्य के नाम से जाना जाता था।

पहले छत्तीसगढ़ था मध्य प्रदेश का हिस्सा

मध्य प्रदेश राज्य का गठन तत्कालीन केंद्रीय प्रांत सीपी और बरार, मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल को मिलाकर किया गया था। 1 नवंबर 2000 से छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। पहले छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश का एक हिस्सा था।
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1966 में हरियाणा को पंजाब से अलग किया गया

इस दिन, 1966 में हरियाणा राज्य को पंजाब से अलग किया गया था, जबकि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम (1966) के तहत राज्य के गठन को चिह्नित करते हुए 1 नवंबर को पंजाब दिवस भी पूरे राज्य में मनाया जाता है। 1956 में भारतीय राज्यों के पुनर्गठन के दौरान, लक्षद्वीप द्वीपों को मालाबार जिले से अलग कर दिया गया और प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए एक अलग केंद्र शासित प्रदेश में संगठित किया गया। पुडुचेरी के गठन को हर साल 1 नवंबर को मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पुडुचेरी के फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन से भारत में स्थानांतरण की याद दिलाता है।