मीडिया को भारतीय परंपरा के अनुरूप और समाज को आध्यात्मिक आधार पर आगे बढ़ाना होगा-प्रो. द्विवेदी
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा रायपुर में आयोजित मीडिया परिसंवाद को संबोधित करते हुए भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने कहा कि आज की पत्रकारिता पश्चिमी मानकों पर टिकी है।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा रायपुर में आयोजित मीडिया परिसंवाद को संबोधित करते हुए भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने कहा कि आज की पत्रकारिता पश्चिमी मानकों पर टिकी है। हम अपनी परंपरा को भूल बैठे हैं। हमारी परंपरा लोकमंगल की है, इसलिए हमारी पत्रकारिता भी लोकमंगल के लिए है। अब हमें मीडिया का भारतीयकरण करना होगा। मीडिया को भारतीय परंपरा के अनुरूप और समाज को आध्यात्मिक आधार पर आगे बढ़ाना होगा।
छत्तीसगढ़ की राजधानी के शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्मकार राजेश बादल, राज्य उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गौतम चौरडिया, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू, धार्मिक सेवा प्रभाग, प्रयागराज की अध्यक्ष ब्रह्माकुमारी मनोरमा दीदी, वरिष्ठ पत्रकार शिव दुबे, क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी एवं कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. शाहिद अली भी उपस्थित रहे।समाधान परक पत्रकारिता द्वारा समृद्ध भारत’ विषय पर आयोजित परिसंवाद को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि कोविड के दौरान मीडिया ने लोगों को जागृत करने का सराहनीय कार्य किया है। मीडिया ने समाज को महामारी से डराया नहीं, बल्कि समाधान प्रस्तुत किया। आईआईएमसी के महानिदेशक ने सोशल मीडिया में फेक न्यूज से बढ़ रहे खतरे के प्रति सचेत करते हुए कहा कि बिना सोचे समझे किसी भी जानकारी को आगे फाॅरवर्ड न करें। उन्होंने कहा कि न बुरा लाइक करें, न टाइप करें और न ही शेयर करें। प्रो. द्विवेदी ने मीडियाकर्मियों को मानसिक शांति के लिए राजयोग मेडिटेशन सीखने का सुझाव दिया।