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केंद्र सरकार की ओर से सरकारी बैंकों के सीईओ-एमडी के कार्यकाल में हुआ इजाफा 

सरकारी बैंकों के सीईओ और एमडी के कार्यकाल को बढ़ाकर अब अधिकतम 10 साल कर दिया गया है। सरकार के इस फैसले का उद्देश्य पब्लिक सेक्टर के बैंकों में अच्छे टैलेंट को लंबे समय तक रिटेन करना है। सरकार की ओर से 17 नवंबर 2022 को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब सरकार बैंक के सीईओ और एमडी के टर्म को बढ़ाकर 10 साल कर दिया है, जो पहले 5 साल था। बता दें, इससे पहले के नियम के मुताबिक पब्लिक सेक्टर बैंक में कोई भी व्यक्ति एमडी और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर 5 साल या अधिकतम 60 वर्ष ( दोनों में से जो पहले ) तक था।

RBI से सलाह के बाद होगा फैसला

सरकार के द्वारा किए गए संशोधन को नेशनलाइज्ड बैंक्स एमेंडमेंट स्कीम 2022 नाम दिया गया है। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि होल टाइम डायरेक्टर और एमडी को अपना पूरा समय बैंक को देना होगा। सरकार इसके लिए आरबीआई से भी सलाह लेगी।

सरकार कभी भी कर सकती है पदमुक्त

सरकार ने बताया कि होल टाइम डायरेक्टर और एमडी को समय से पहले कभी भी पदमुक्त भी कर सकती है। पदमुक्त करते समय  उन्हें तीन महीने का वेतन और भत्ता दिया जाएगा।

टेलेंट रोकने में मिलेगी मदद

सरकार के इस निर्णय से बैंक को ऐसे टेलेंट को अपने यहां रोकने में मदद मिलेगी, जो 45-50 की उम्र में होल टाइम डायरेक्टर और एमडी बन जाते हैं। इस नियम में बदलाव से सरकारी बैंक टेलेंट को लंबे समय तक अपने साथ जोड़े रख सकेगा।