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 देश में बढ़ रहे सड़क नेटवर्क के साथ अपग्रेड होनी चाहिए आपात चिकित्सा व्यवस्था भी..

बढ़ रहे सड़क नेटवर्क के साथ देश में आपात चिकित्सा व्यवस्था भी अपग्रेड होनी चाहिए। ट्रामा सेंटर और आपात चिकित्सा में निपुण डाक्टरों की संख्या, एंबुलेंस की संख्या और उनमें प्राथमिक चिकित्सा सहायता देने वाले पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती जैसे बिंदुओं पर काफी काम किए जाने की आवश्यकता हैः

तमिलनाडु ने बनाया है त्वरित सहायता का उन्नत माडल

  • तमिलनाडु ने स्टेट और नेशनल हाईवे पर दुर्घटना के लिहाज से अतिसंवेदनशील स्थानों के पास आपात चिकित्सा केंद्रों एवं दुर्घटना सहायता केंद्रों की स्थापना की है
  • एंबुलेंस सेवा को दुर्घटना की स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया के लिए पाबंद किया है, अधिकाधिक एंबुलेंस की तैनाती की गई है और एक काल लाइन बनाई गई है ताकि दुर्घटना के शिकार लोगों की तत्काल चिकित्सा के लिए जरूरी लोगों के बीच संवाद-संयोजन तेज हो सके
  • तमिलनाडु ने डाटा प्रबंधन के साथ संस्थानों को चाकचौबंद कर भी दुर्घटना में आपात चिकित्सा को दुरुस्त किया है। इसी क्रम में कांचीपुरम में ट्रामा केयर का सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किया गया है
  • सड़क दुर्घटना की स्थिति में गोल्डन आवर का अधिकतम लाभ लेने के उद्देश्य से प्राथमिक चिकित्सा के लिए लोगों को प्रशिक्षण भी दिया गया है

बच सकती हैं जिंदगियां

  • लैंसेट की रिपोर्ट बताती है कि यदि सड़क सुरक्षा के मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए तो हर वर्ष करीब 30 हजार जानें बचाई जा सकती हैं। भारत समेत कई देशों में स्थिति ऐसी ही है
  • 20,554 लोगों की जान बच सकती है यदि ओवर स्पीडिंग पर रोक की व्यवस्था सुदृढ़ हो
  • 5,683 जिंदगियां हेलमेट के नियमों का पालन कर बचाई जा सकती हैं
  • 3,204 लोगों की जान बच सकती है यदि सीट बेल्ट के नियमों का पालन हैं
  • 2 लाख लोगों की जान बच सकती है, यदि दुर्घटना के बाद जल्द से जल्द उचित इलाज मिल जाए
  • 30,000 रुपये की सहायता सड़क दुर्घटना के पीड़ित के आपात स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंट के भीतर खर्च के लिए देने की व्यवस्था शुरू की गई है
  • 3 माह का आपात चिकित्सा प्रशिक्षण अमेरिका में लोगों को देकर उन्हें पैरा मेडिकल स्टाफ के रूप में तैयार किया जाता है। ये स्टाफ अस्पतालों, कार्डियोलाजी और इमरजेंसी चिकित्सकों के संपर्क में रहते हैं। दुर्घटना की स्थिति में ये मरीज को अस्पताल ले जाने से पहले गोल्डन आवर की चिकित्सा सुनिश्चित करते हैं
  • 14 मिनट का पोस्ट क्रैश रिस्पांस टाइम तमिलनाडु में सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों के लिए बने चिकित्सा नियमों में रखा गया है