तेलंगाना कांग्रेस में आंतरिक कलह तेज होती दिख रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के 13 सदस्यों ने कुछ वरिष्ठ नेताओं की टिप्पणियों के विरोध में रविवार को इस्तीफा दे दिया कि अन्य दलों से कांग्रेस में आए लोगों को प्रमुखता मिली है। इन 13 सदस्यों में कांग्रेस विधायक डी. अनसूया (सीतक्का) और पूर्व विधायक वी. नरेंद्र रेड्डी भी शामिल हैं।
अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दामोदर राजनरसिम्हा ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के कुछ पूर्व नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने के संबंध में शनिवार को कहा था कि अगर दूसरे दलों से कांग्रेस में आने वालों को पार्टी में प्राथमिकता दी जाएगी, तो इससे मूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच क्या संदेश जाएगा।
राजनरसिम्हा ने जब यह टिप्पणी की, तब कांग्रेस विधायक दल के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क, लोकसभा सदस्य एन उत्तम कुमार रेड्डी, पूर्व सांसद मधु यशकी गौड़ और पार्टी विधायक टी. जयप्रकाश रेड्डी (जिन्हें जग्गा रेड्डी के नाम से जाना जाता है) भी उनके साथ मौजूद थे। इन नेताओं के असंतोष को राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद ए रेवंत रेड्डी के प्रति निर्देशित के रूप में देखा जा रहा है।
पूर्व विधायक ई अनिल ने आज यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए ‘वरिष्ठ नेताओं’ से साथ मिलकर काम करने और राज्य में पार्टी को फिर से सत्ता में लाने की अपील की। उन्होंने कहा कि पार्टी में सभी लोग वरिष्ठों का सम्मान करते हैं। अनिल ने पार्टी के कुछ नेताओं को प्रवासी बताए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने वरिष्ठ नेताओं से तेलंगाना में बीआरएस के नेतृत्व वाली और केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का आग्रह किया।
हाल में मुनुगोड़े विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी की प्रदेश इकाई में आंतरिक कलह देखने को मिली है। पार्टी के कई नेताओं ने हाल ही में जंबो पीसीसी समितियों की घोषणा पर असंतोष व्यक्त किया था।