वन्यजीव प्रेमियों के लिए इंद्रावती टाइगर रिजर्व (आइटीआर) से फिर एक खुशखबरी सामने आई है। जिले के इंद्रावती टाइगर रिजर्व (आइटीआर) में आधा दर्जन वन भैंसों का झुंड देखा गया है। पिछले माह नवंबर के अंत में यहां लगाए गए ट्रेप कैमरे में एक नए बाघ की तस्वीर कैद हुई थी। दो दिन पहले टाइगर रिजर्व में गश्त पर निकले वनकर्मियों और ग्रामीणों के संयुक्त दल ने यहां घने जंगलों के बीच बहने वाली इंद्रावती नदी के एक सहायक नाला के किनारे इन वनभैसों को देखा। तस्वीर खींची और वीडियो तैयार कर इसकी सूचना टाइगर रिजर्व प्रबंधन को दी। वन भैंसा छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु है। टाइगर रिज़र्व प्रबंधन द्वारा छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु वन भैंसा के जनसंख्या में वृद्धि के साथ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
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उप निदेशक इंद्रावती टाइगर रिज़र्व धम्मशील गणविर ने बताया कि वन भैंसों के संरक्षण के लिए पेट्रोलिंग गार्ड व ग्रामीणों के साथ मिलकर निगरानी की जा रही है ताकि इनका संरक्षण किया जा सके। इंद्रावती टाईगर रिज़र्व क्षेत्र की सीमा महाराष्ट्र से लगी होने से वन भैंसों का आवागमन दोनों क्षेत्रों में होता है। इसके लिए इंद्रावती टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में वन विभाग से समन्वय स्थापित किया जा रहा है जिससे कि आपसी सहयोग से वन्यजीवों के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा दिया जा सके।
भारत में वन भैंसा मुख्यत: असम व छत्तीसगढ़ में पाया जाता है। वन भैंसा छत्तीसगढ़ में दुर्लभ एवं संकटग्रस्त प्रजातियों में से एक है। इंद्रावती टाइगर रिज़र्व वन भैंसों के लिए उपयुक्त प्राकृतिक रहवास है। यहां वन भैंसों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
देश का दूसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व
बीजापुर जिले में भैरमगढ़ से कुटरू तक फैला इंद्रावती टाइगर रिजर्व क्षेत्रफल के मामले में देश का दूसरा सबसे बढ़ा टाइगर रिजर्व है। इसका क्षेत्रफल 2800 वर्ग किलोमीटर है। देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र पड़ोसी राज्य ओड़िशा में हैं। 1981 में इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना की गई की। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद करीब डेढ़ दशक पहले इसे टाइगर रिजर्व का दर्जा देते हुए वन्यजीवों के संरक्षण व संवर्धन का काम किया जा रहा है। यहां पार्क क्षेत्र में आदिवासियों के 50 से अधिक बसाहट क्षेत्र हैं। वन्यजीवों के बीच यहां आदिवासी सह-रहवास करते हैं।
इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक धम्मशील गणविर ने कहा, इंद्रावती टाइगर रिजर्व में वन भैंसों का झुंड देखा गया है। पिछले माह यहां नया बाघ देखने को मिला था। टाइगर रिजर्व में बाघ, वनभैसा, गौर, चीतल, सांभर, नीलगाय आदि कई प्रजाति के वन्यजीव हैं। खुशी की बात है कि यहां वन्यजीवों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। जिनके संरक्षण व संवर्धन के लिए लगातार प्रयास जारी है।