आरक्षण संशोधन विधेयक पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्यपाल के 10 सवालों का जवाब राजभवन भेज दिया है। आरक्षण संशोधन विधेयक पर बिल पर हस्ताक्षर को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राजभवन जवाब भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान में ऐसी व्यवस्था नहीं है, फिर भी जवाब भेजे गए हैं। अब राज्यपाल को हस्ताक्षर करने में देरी नहीं करनी चाहिए। वैसे इस आरक्षण बिल पर प्रदेश में आज भी राजनीति गरमाई हुई है। मुख्यमंत्री बघेल बेमेतरा दौरे पर रवाना होने से पहले से पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह जानकारी दी है।
प्रश्नों का उत्तर दें तो आरक्षण विधेयक पर विचार करूंगी- उइके
इससे पहले शनिवार को राज्यपाल अनुसुईया उइके ने दुर्ग प्रवास के दौरान एक बार फिर दोहराया है कि सरकार उनके दस प्रश्नों का उत्तर देगी तभी वह आरक्षण संशोधन विधेयक पर विचार करेंगी। उन्होंने कहा कि वह एक संवैधानिक पद पर हैं, इसलिए नियम, प्रक्रिया और कानून के प्रविधानों के अनुसार ही जो होना है होगा। इसके पहले भी राज्यपाल ने दिल्ली से लौटने के बाद एयरपोर्ट पर यही बात कही थी।इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था वह जवाब भिजवा देंगे। हालांकि सरकार ने अब तक जवाब नहीं दिया है। भिलाई के बीआइटी कालेज के 1997 बैच के सिलवर जुबली कार्यक्रम मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचीं राज्यपाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वह कैसे राज्यपाल बनीं उन्हें जानकारी नहीं हुई। उनके पास अचानक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का फोन आया था कि वह राज्यपाल बनने जा रही हैं। राजनीति जितनी आसान दिखती है उतनी है नहीं, बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि मैंने कभी भी कुछ पाने के लिए राजनीति नहीं की, बल्कि सेवा भावना के लिए की है।