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मोहले के विभागों के लिए 2426.50 करोड़ रूपए की अनुदान मांगे पारित

रायपुर 22 फरवरी।खाद्य, नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण, ग्रामोद्योग और योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी तथा बीस सूत्रीय कार्यान्वयन विभाग की 2426 करोड़ 50 लाख 88 हजार रूपए की अनुदान मांगे पक्ष-विपक्ष के सदस्यों द्वारा चर्चा के बाद विधानसभा में ध्वनि मत से पारित हो गई।

इसमें खाद्य, नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण विभाग से संबंधित व्यय के लिए 2279 करोड़ 49 लाख 96 हजार रूपए, ग्रामोद्योग विभाग के लिए 107 करोड़ नौ लाख दो हजार रूपए, योजना, आर्थिक तथा सांख्यिकी विभाग के लिए 48 लाख 29 लाख 80 हजार रूपए और बीस सूत्रीय कार्यान्वयन विभाग के लिए एक करोड़ 62 लाख दस हजार रूपए शामिल है।

मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले ने सदस्यों को बताया कि वर्ष 2003 में प्रदेश में केवल 45 प्रतिशत गरीब परिवारों को छह रूपए 15 पैसे प्रतिकिलो की दर पर चावल दिया जाता था और बहुत से पात्र एवं जरूरतमंद परिवारों के पास राशनकार्ड नहीं था। राज्य सरकार ने ऐसे गरीब परिवारों के दुख को समझते हुए वर्ष 2007 में मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना लागू की और प्रदेश के 64 प्रतिशत गरीब परिवारों को तीन रूपए किलो की दर पर चावल वितरण शुरू किया। वर्ष 2012 में छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम लागू करके 82 प्रतिशत गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सिर्फ एक रूपए किलो की दर पर चावल, पांच रूपए किलो की दर पर चना और निःशुल्क नमक दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में 40 हजार 708 राशनकार्ड जारी किए गए तथा एक लाख 22 हजार 234 सदस्यों के नाम जोड़े गए है। उन्होंने बताया कि पीडीएस को मजबूत और पहले से बेहतर एवं पारदर्शी बनाने के लिए अगस्त 2015 से प्रदेश के सभी 12 हजार 300 राशन दुकानों के कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है। अब तक 11 हजार 894 अर्थात 97 प्रतिशत राशन दुकानें कम्प्यूटरीकृत हो गयी है। राशन दुकानों के कम्प्यूटरीकरण और कोर पीडीएस के विस्तार के लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट में 11 करोड़ 83 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।

श्री मोहले ने बताया कि राज्य के खाद्य सुरक्षा कानून के प्रावधानों के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना में 2770 करोड़, चना के लिए 450 करोड़, आयोडीन नमक के लिए एक सौ करोड़, शक्कर के लिए दो सौ करोड़, अन्त्योदय अन्न योजना एवं अन्नपूर्णा योजना के प्रासंगिक व्ययों के लिए 19 करोड़ 16 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।

श्री मोहले ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 में समर्थन मूल्य प्रदेश के 12 लाख 06 हजार किसानों से 56 लाख 88 हजार मीटरिक टन धान खरीदा गया। किसानों को 8890 करोड़ रूपए का भुगतान उनके खतों में ऑनलाईन किया गया। श्री मोहले ने बताया कि पिछले 14 वर्षों के दौरान 6 करोड़ 96 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी कर किसानों को 75 हजार 47 करोड़ रूपए समर्थन मूल्य की राशि और 8 हजार 6 करोड़ रूपए बोनस की राशि का भुगतान किया गया है। उन्होंने बताया कि खाद्यान्न भण्डारण के लिए राज्य भण्डार गृह निगम द्वारा तीन हजार 600 टन क्षमता का नया गोदाम निर्मित किया गया है तथा चार स्थानों पर 14 हजार 400 टन क्षमता के गोदाम निर्माणाधीन है। उन्होंने बताया कि गोदाम निर्माण के लिए 10 करोड़ 50 लाख का प्रावधान किया गया है।

श्री मोहले ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में ग्रामद्योग विभाग के विभिन्न घटकों- रेशम, हाथकरघा, हस्तशिल्प, माटीकला, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की विभिन्न योजनाओं के जरिए तीन लाख 40 हजार 402 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। उन्होंने बताया कि ग्रामोद्योग ईकाईयों की स्थापना के लिए हितग्राी मूलक योजनाओं में मुद्रा योजना के माध्यम से 50 हजार से 10 लाख रूपए तक बिना जमानदार के बैंकों से ऋण दिलाया जा रहा है।

श्री मोहले ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 706 ईकाई स्थापित कर एक हजार 814 लोगों को रोजगार दिया गया। इसमें एक करोड़ 63 लाख रूपए का अनुदान और आठ करोड़ 16 लाख रूपए का बैंक ऋण शामिल है। श्री मोहले ने सदस्यों को योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग की योजनों की भी जानकारी दी।