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चीनी विमान की इस हरकत के बाद अमेरिकी पायलट को टक्कर से बचने के लिए वहां से हटना पड़ा..

दिसंबर के महीने में चीनी विमान ने अमेरिकी वायुसेना के विमान आरसी-135 के सामने और 6 मीटर से कम दूरी पर उड़ान भरी थी। चीनी विमान की इस हरकत के बाद अमेरिकी पायलट को टक्कर से बचने के लिए वहां से हटना पड़ा था।

अमेरिकी सेना का कहना है कि चीनी नौसेना के एक इंटरसेप्ट विमान ने इस महीने की शुरुआत में दक्षिण चीन सागर के ऊपर खतरनाक तरीके से उड़ान भरी। चीनी विमान से टक्कर ना हो इससे बचने के लिए अमेरिकी विमान के पायलट को तेजी ने मनूवर के लिए मजबूर होना पड़ा। यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि ये घटना 21 दिसंबर की है। चीनी विमान ने अमेरिकी वायुसेना के बड़े विमान आरसी-135 के सामने और 6 मीटर (20 फीट) से कम दूरी पर उड़ान भरी थी। बयान में कहा गया, ”अमेरिकी विमान कानूनी रूप से अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर के ऊपर नियमित संचालन कर रहा था। पायलट को टक्कर से बचने के लिए वहां से हटने करने के लिए मजबूर होना पड़ा।”

जारी रहेगी उड़ान

बयान में ये भी कहा गया कि, यूएस इंडो पैसिफिक ज्वाइंट फोर्स आजाद और खुले इंडो पैसिफिक क्षेत्र के लिए समर्पित है। अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सभी जहाजों और विमानों की सुरक्षा के लिए समुद्र और अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में उड़ान भरना और नौकायन करना जारी रहेगा। उम्मीद करते हैं कि भारत-प्रशांत क्षेत्र के सभी देश अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र का सुरक्षित और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार इस्तेमाल करेंगे।

चीन की तरफ से नहीं आई प्रतिक्रिया

दक्षिण चीन सागर में चीन अमेरिकी सैन्य मौजूदगी पर गहरी नाराजगी जताता रहे है। चीन नियमित रूप से अमेरिकी जहाजों और विमानों से इलाको को छोड़ने की मांग करता रहा है। अमेरिका का कहना है कि वो दक्षिण चीन सागर में और उसके ऊपर ऑपरेट करने का पूरा हकदार है। अमेरिकी की इस शिकायत पर चीन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

पहले भी हो चुकी है टक्कर

दक्षिण चीन सागर में चीन अक्सर अमेरिका और उसके सहयोगियों के सैन्य विमानों को चुनौती देता रहा है। खासकर दक्षिण चीन सागर पर चीन की ऐसी हरकतें ज्यादा होती हैं। दक्षिण चीन सागर पर चीन पूरी तरह अपना दावा करता है। साल 2001 में भी इसी तरह से एक हवाई टक्कर हुई थी, जिसमें चीनी विमान नष्ट हो गया था और पायलट की मौत हो गई।