Tuesday , October 8 2024
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PM मोदी ने CM धामी से फोन पर जोशीमठ की विस्तृत जानकारी ली…

जोशीमठ भूधंसाव के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी खुद नजर बनाए हुए हैं।

मामले को लेकर रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने फोन पर उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी से बातचीत की। मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने ट्विट कर यह जानकारी दी।

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने फोन पर जोशीमठ की विस्तृत जानकारी ली और पूछा कि कितने लोग इससे प्रभावित हुए हैं। उन्‍होंने जोशीमठ भूधंसाव से होने वाले नुकसान के बारे में भी पूछा।

उन्‍होंने जोशीमठ के लोगों के विस्थापन के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए बारे में भी पूछा। बातचीत में प्रधानमंत्री ने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस मामले में पीएमओ लगातार संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी फोन कर हर सम्भव का आश्वासन दिया है। उन्होंने प्रभावितों के विस्थापन को लेकर उठाए जा रहे कदम, नुकसान के बारे में पूछा।

साथ ही कितने परिवार जद में आ रहे हैं, किस तरह वहां पानी निकल रहा है, विस्थापन के लिए क्या प्रयास किए हैं, राहत शिविर में कैसे लोग रह रहे हैं। आगे कैसे उनके की पुनर्वास की व्यवस्था होनी है आदि पर विस्तार से चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ में जितने भी शहर हैं उनकी धारण क्षमता कितनी है, क्या वह अपनी धारण क्षमता पर कर चुके हैं, इस बारे में भी जानने की कोशिश की जा रही है।

वहीं जोशीमठ पर पीएमओ रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक करेगा। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा आज प्रधानमंत्री कार्यालय में भारत सरकार के कैबिनेट सचिव, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा करेंगे।

जोशीमठ के जिला पदाधिकारी भी इस मुद्दे पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मौजूद रहेंगे। वीसी के माध्यम से उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारी भी इस समीक्षा बैठक में शामिल होंगे।

जोशीमठ शहर का 40 प्रतिशत हिस्सा भूधंसाव की चपेट में है। जिला प्रशासन ने टेक्निकल कमेटी का गठन किया है, जो भूधंसाव से हुए नुकसान का आकलन कर रही है।

विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के बाद खतरे की जद में आए 500 भवनों से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित किया जा रहा है। अब तक 116 परिवारों को पुनर्वासित किया जा चुका है।