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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय बजट को बताया निराशाजनक..

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को केंद्रीय बजट को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट में दूरदृष्टि का आभाव है। उन्होंने कहा कि बिहार को इस बजट से एक बार फिर से निराशा हाथ लगी है। फोटो- पीटीआई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को केंद्रीय बजट को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट में दूरदृष्टि का आभाव है। उन्होंने कहा कि बिहार को इस बजट से एक बार फिर से निराशा हाथ लगी है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में एक बार फिर विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की अनदेखी की गयी है। समावेशी विकास का सपना बिहार जैसे राज्यों को आगे बढ़ाये बिना संभव नहीं है।बजट में दूरदृष्टि का अभाव उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”केन्द्र सरकार द्वारा पेश किया गया आम बजट निराशाजनक है। इसमें दूरदृष्टि का अभाव है। हर वर्ष बजट की प्राथमिकताएं बदल दी जाती हैं, जो फोकस और निधि के अभाव में पूरी नहीं हो पा रही हैं। बिहार को इस बजट से निराशा हाथ लगी है और एक बार फिर विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की अनदेखी की गयी है। समावेशी विकास का सपना बिहार जैसे राज्यों को आगे बढ़ाये बिना संभव नहीं है।”  

युवाओं के लिए रोजगार का नहीं है कोई खाका

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बजट में युवाओं के लिए रोजगार सृजन का कोई खाका नहीं है। उन्होंने कहा, “समावेशी विकास के तहत बिहार सरकार ने केन्द्रीय बजट में वित्त मंत्रियों की बैठक में राज्य के लिए 20,000 करोड़ रूपये के स्पेशल पैकेज की मांग की थी जिसे बजट में नहीं दिया गया है। युवाओं के लिये रोजगार सृजन को लेकर बजट में कोई खाका दिखाई नहीं दे रहा है।”

पूर्व से चल रही योजनाओं का री-पैकेजिंग है सप्तऋषि

उन्होंने कहा कि राज्यों की वित्तीय स्थिति को नजरअंदाज किया गया है। राज्य सरकार की ऋण सीमा में वर्ष 2023-24 में कोई छूट नहीं दी गई है। बिहार सरकार ने अपने ज्ञापन में इसे 4.5 प्रतिशत तक रखने का आग्रह किया था जो पिछड़े राज्यों के विकास में तथा नए रोजगार सृजन में लाभप्रद होता। केन्द्रीय बजट में भारत सरकार ने सात प्राथमिकताओं (सप्तऋषि) का निर्धारण किया है। यह योजना केन्द्र सरकार की पूर्व से चल रही योजनाओं की केवल री-पैकेजिंग है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार वर्ष 2016 से ही सात प्राथमिकताओं (सप्तऋषि) का निर्धारण किया है। यह योजना केन्द्र सरकार की पूर्व से चल रही योजनाओं की केवल री-पैकेजिंग है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार वर्ष 2016 से ही सात निश्चय-1 एवं वर्ष 2021 से सात निश्चय-2 के अन्तर्गत नई योजनाओं को सफलता से क्रियान्वित कर रही है।