नई दिल्ली 16 जनवरी।उच्चतम न्यायालय ने महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई के लिए प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के गठन की घोषणा की है।इसमें उन चारों वरिष्ठ जजों को शामिल नही किया गया है जिन्होने श्री मिश्र की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे।
संविधान पीठ में प्रधान न्यायाधीश के अतिरिक्त न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी, ए. एम. खानविलकर, डी. वाई. चंद्रचूड़ और अशोक भूषण हैं।नई पीठ कल से महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई शुरू करेगी। इन मामलों में आधार कानून की संवैधानिक वैधता और व्यस्क समलैंगिकों के बीच सहमति से संबंधों को अपराध घोषित करने के उच्चतम न्यायालय के वर्ष 2013 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाएं शामिल हैं।
केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी के विवादास्पद मामले की भी सुनवाई होगी। संविधान पीठ आपराधिक मामले का सामना कर रहे किसी जनप्रतिनिधि को अयोग्य ठहराए जाने से संबंधित याचिका सहित अन्य याचिकाओं पर भी विचार करेगी। ये सभी मामले सर्वोच्च न्यायालय की विभिन्न पीठों ने बड़ी पीठ को भेजे थे।
आज की कार्य सूची में न्यायमूर्ति अरुण मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बी एच लोया की मृत्यु की जांच की मांग से जुड़ी दो याचिकाओं की सुनवाई करेगी।
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