नई दिल्ली 17 जनवरी।केन्द्र सरकार ने एक लाख 20 हजार और कंपनियों का नाम आधिकारिक रिकॉर्ड से हटाने का फैसला किया है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार काले धन के खिलाफ लड़ाई के तहत सरकार नियमों का पालन नहीं करने वाली कंपनियों का पंजीकरण रद्द कर रही है।सरकार का यह फैसला पिछले सप्ताह हुई समीक्षा बैठक के बाद आया है।
पिछले महीने के अंत तक सवा दो लाख से ज्यादा कंपनियों को लंबे समय तक निष्क्रिय रहने और नियमों को पालन नहीं करने के कारण उनका पंजीकरण रद्द किया जा चुका है। साथ ही, इन कंपनियों से जुड़े तीन लाख से ज्यादा निदेशकों को अयोग्य घोषित किया गया है। यह सारे कदम अवैध धन के प्रवाह को रोकने के बड़े प्रयासों का हिस्सा है।
नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल में करीब एक हजार एक सौ पचास कंपनियों के पुनर्गठन के मामले दर्ज किए गये हैं। अधिकरण ने एक सौ 50 कंपनियों की बहाली पर विचार करने का आदेश भी दिया है।