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छत्तीसगढ़ की झांकी ने राजपथ पर बिखेरे अपनी समृ़द्ध प्राचीन संस्कृति के रंग

रायपुर/नई दिल्ली 26 जनवरी।गणतंत्र दिवस की मुख्य परेड में आज नई दिल्ली में राजपथ पर निकली छत्तीसगढ़ की झांकी ने देश विदेश से आये गणमान्य अतिथियों और लाखों दर्शकों का मन मोह लिया।

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित रामगढ़ की पहाडि़यों में स्थित  प्राचीन नाट्यशाला पर आधारित इस झांकी में छत्तीसगढ़ की समृद्ध प्राचीन संस्कृति को प्रदर्शित किया गया था।राष्ट्रपति रामनाथ कोविद , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और आसियान देशों से आये राष्ट्राध्यक्षों ने भी तालियां बजाकर छत्तीसगढ़ की झांकी की सराहना की।

झांकी के अगले भाग में विख्यात कवि कालिदास को रामगढ़ की पहाडि़यों में मेघो से आच्छादित आकाश अपने विश्वप्रसिद्ध काव्य ग्रन्थ मेघदूतम की रचना करते दिखाया गया है।झांकी के पिछले भाग में घने जंगलो के बीच रामगढ़ की पहाडि़यों में स्थित 300 ईस्वी पूर्व की प्राचीन नाट्यशाला को दिखाया गया है।

नाट्यशाला के मंच पर मेघदूतम की नाट्य प्रस्तुति को दिखाया गया।इस नाट्य प्रस्तुति को छत्तीसगढ़ के इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने प्रस्तुत किया।