Friday , April 26 2024
Home / MainSlide / झीरम नक्सल हमले पर भूपेश का बयान राजनीति से प्रेरित- रमन

झीरम नक्सल हमले पर भूपेश का बयान राजनीति से प्रेरित- रमन

(फाइल फोटो)

रायपुर 25 मई।छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री तथा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा झीरम मामले में दिए गए बयान को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि झीरम मामले की जांच तत्कालीन डा.मनमोहन सिंह सरकार के समय एनआईए के हाथ में सौंपी गई थी।

    डा.सिंह ने आज पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि एनआईए ने 1500 पृष्ठ की चार्जशीट भी 2014 में दाखिल की, भाजपा सरकार ने भी जाँच आगे बढ़ाने के लिए जस्टिस प्रशांत मिश्र की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन किया, जिसकी रिपोर्ट राजभवन को 2021 में सौंप दी गई थी, लेकिन सरकार को उक्त रिपोर्ट पर भी भरोसा नहीं है, इसलिए जस्टिस सतीश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में न्यायिक जांच का विस्तार किया गया। इस आयोग का कार्यकाल भी छह-छह महीने कर बढ़ाया जा रहा है लेकिन आज तक कांग्रेस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पाई है।

   उन्होने कहा कि जब एनआईए ने 1500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी तो इसका सहारा लेकर जांच करने के बजाय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजनीति करने में लगे हैं, असल में उन्हें जाँच से कोई मतलब नहीं है केवल राजनीति करने से मतलब है।

   डा.सिंह ने नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा करने को लेकर श्री बघेल  समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा इसके विरुद्ध बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन पर कांग्रेस पार्टी जिस प्रकार की राजनीति कर रही है वो उनकी छोटी मानसिकता का प्रतीक है।कांग्रेस से भारत का बढ़ता विकास और गौरव देखा नहीं जा रहा है इसीलिए वह विलाप करके इस शुभ अवसर को बाधित करना चाह रहे हैं।

  उन्होंने छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा भवन को लेकर भूपेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की दोहरी मानसिकता का उदाहरण यह है कि अटल नगर में निर्मित हो रहे नए विधानसभा भवन का भूमि पूजन हुआ, तब प्रदेश की तत्कालीन राज्यपाल भी आदिवासी समुदाय की सुश्री अनुसुईया उइके जी थीं। ऐसे समय में राज्यपाल के हाथों भूमिपूजन की जगह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली से राहुल गांधी और सोनिया गांधी को बुलवाकर नए विधानसभा का भूमि पूजन करवाया, यहां तक की शिलान्यास के पत्थर पर आदिवासी समुदाय की अनुसुइया उइके का नाम तक अंकित नहीं किया। यह कांग्रेस की दोहरी मानसिकता और ओछी राजनीति का प्रतीक है।