रामानुजगंज 27 जनवरी।छत्तीसगढ़ के 23वें जिला एवं सत्र न्यायालय का शुभारंभ आज बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रामानुजगंज में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति थोट्टाथील बी.राधाकृष्णन ने किया।
मुख्य न्यायाधीश श्री राधाकृष्णन ने इस मौके पर कहा कि गरीब और असहाय व्यक्तियों को सस्ता और सुलभ न्याय प्रदान करने की मानसिकता विकसित करने की आवश्यकता है।उन्होंने इसके लिये न्यायाधीशों और अधिवक्तागणों को प्रोएक्टिव होकर कार्य करने पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि न्यायालय में लंबित प्रकरणों को शीघ्र निराकृत करने के लिये आवश्यक प्रयास किये जा रहे हैं फिर भी इसमें और तेजी लाने की आवश्यकता है।
श्री राधाकृष्णन ने कहा कि लंबित प्रकरणों की संख्या और न्यायाधीशों के प्रतिवेदन तथा अधिवक्ता संघ की लगातार मांग पर रामानुजगंज में जिला एवं सत्र न्यायालय खोलने हेतु छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा छत्तीसगढ़ शासन को प्रस्ताव भेजा गया था, जिस पर रामानुजगंज को उपर्युक्त पाते हुये जिला एवं सत्र न्यायालय शुभारम्भ करने की अनुमति दी गई है।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि लोगों को सस्ता और सुलभ न्याय उपलब्ध कराने के लिए अधिक से अधिक संख्या में लोक अदालतों का आयोजन करने की आवश्यकता है। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के लोगों की वर्षों की मांग को पूरा करने का श्रेय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री राधाकृष्णन को जाता है। उन्होंने कहा कि आज यहां नागरिकों के चेहरों पर जिला एवं सत्र न्यायालय खुलने की खुशी और उल्लास देखते ही बन रहा है।
उन्होने कहा कि रामानुजगंज में जिला एवं सत्र न्यायालय खुलने से अब यहां के लोगों को न्यायालयीन कार्य के लिये अम्बिकापुर नहीं जाना पड़ेगा तथा उन्हें रामानुजगंज में ही न्याय मिल सकेगा। इस जिले से संबंधित लंबित प्रकरण शीघ्र ही अम्बिकापुर से यहां स्थानांतरित कर दिये जायेंगे।उन्होंने कहा कि जिला एवं सत्र न्यायालय भवन के लिये स्थल का चयन किया जा चुका है तथा कलेक्टर को न्यायालय भवन का प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। प्रस्ताव मिलते ही स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी।