
रायपुर 27 जून।छत्तीसगढ़ के स्कूलों में बेहतर आधारभूत ढांचे के साथ शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, सीनियर सेकेंडरी स्तर पर विज्ञान एवं वाणिज्य की शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए विश्व बैंक ने 2460 करोड़ रूपए की राशि मंजूर की है।
इस परियोजना से गरीब और कमजोर वर्ग से आने वाले लगभग 40 लाख छात्र लाभान्वित होंगे। विश्व बैंक की मदद से राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान और वाणिज्य शिक्षा को प्रोत्साहित करने, विज्ञान और गणित शिक्षकों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ प्रयोगशालाओं में आवश्यक बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने दूरस्थ स्थानों से पढ़ाई के लिए आने वाले छात्रों के लिए आवास की व्यवस्था, स्कूलों में छात्रों का नामांकन दर बढ़ाने तथा गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।
विश्व बैंक की इस परियोजना से कक्षा एक से 12वीं तक के लगभग 600 मॉडल स्कूलों को विकसित और संचालित करने में मदद मिलेगी तथा माध्यमिक स्तर पर विज्ञान और वाणिज्य की शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा। स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षकों, मजबूत नेतृत्व और प्रबंधन सीखने के लिए पर्याप्त बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जायेंगी। परियोजना से कोविड-19 के दौरान लर्निंग लॉस में कमी आएगी। परियोजना से अध्यापकों के प्रशिक्षण से शिक्षकों की कक्षा में अध्यापन की क्षमता बेहतर होने के साथ ही छात्रों की विषय-वस्तु को सीखने की क्षमता बढ़ेगी। इस परियोजना से छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ते निर्माण और सेवा क्षेत्रों में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा को मजबूत बनाने के साथ ही गरीब वर्ग के प्रतिभावान छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश एवं हिंदी माध्यम में उत्कृष्ट स्कूल प्रारंभ किए जा रहे हैं। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में अनेक नवाचारी पहल भी किए जा रहे हैं। सभी स्तरों में शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने, सीनियर सेकेंडरी स्तर पर साइंस और कॉमर्स की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ एक्सीलरेटेड लर्निंग फॉर नॉलेज इकोनॉमी ऑपरेशन (चाक) परियोजना शुरू की गई है। इस परियोजना के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में भी अध्ययन-अध्यापन की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।
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