रायपुर 26 जुलाई।छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने विद्यार्थियों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए विश्वविद्यालयों में योग की गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए है।
श्री हरिचंदन ने आज राजभवन में राज्य के सभी निजी विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक में कहा कि योग विश्व को भारत की देन है।योग से तन और मन स्वस्थ होगा और युवा पीढ़ी अपनी पूरी क्षमता के साथ देश के निर्माण में समर्पित होगी।उन्होने कहा कि अध्ययन के अलावा विद्यार्थियों की समाज और राष्ट्र के प्रति भी जिम्मेदारी है। विश्वविद्यालयों को इस भूमिका के लिए भी विद्यार्थियों को तैयार करना चाहिए। विद्यार्थियों को भी वंचित वर्गो की सहायता के लिए आगे आना चाहिए और लोगों को उनके अधिकारों के प्रति सचेत करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बाजार की आवश्यकता के अनुरूप युवाओं के कौशल उन्नयन हेतु प्रयास करना चाहिए जिससे युवा आत्मनिर्भर बन सकें। विश्वविद्यालयों में ऐसे पाठ्यक्रम बनाये जाये जिससे युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ें। विश्वविद्यालयों में प्लेसमेंट सेल और कैरियर काउंसिलिंग सेल सक्रिय रूप से कार्य करें। विद्यार्थियों को रक्त दान, वृक्षारोपण एवं अन्य सामाजिक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों का अध्ययन ही जरूरी नहीं है बल्कि उनका सर्वांगीण विकास होना चााहिए जिससे ‘‘आत्मनिर्भर भारत‘‘ की दिशा में हम कदम बढ़ा सकेंगे।
उच्च शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत व्यवसायिक एवं वोकेशनल शिक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता, प्रशिक्षण, प्लेसमेंट प्राध्यापको की भर्ती के लिए सभी विश्वविद्यालय अनिवार्य रूप से कार्यवाही करें।
बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन सहित विभिन्न विषयों पर विश्वविद्यालयों से जानकारी ली गई। उपस्थित कुलपतियों ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपने विश्वविद्यालयों में संचालित गतिविधियों, शैक्षणिक स्टॉफ की भर्ती और नियुक्ति, विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं से किये गये एम.ओ.यू., पाठ्यक्रम, परीक्षा और परिणाम, अनुसंधान तथा विश्वविद्यालय द्वारा अन्य क्षेत्रों में किये गये नवाचार के बारे में जानकारी दी।