रायपुर 06 अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नायब तहसीलदार के पद को राजपत्रित पद का दर्जा देने की घोषणा की हैं।
श्री बघेल ने कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के द्वारा ‘कृषि एवं प्रदेश के किसानों के विकास में राजस्व विभाग का योगदान’ थीम पर आज आयोजित प्रांतीय सम्मेलन में यह घोषणा की। उन्होने सम्मेलन में “भुइंया के मितान” स्मारिका का भी विमोचन किया। सम्मेलन में कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की प्रमोशन संबंधी मांग पर मुख्यमंत्री ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि अधिकारियों का समय पर प्रमोशन जरूर होगा। उन्होने कहा कि राजस्व अधिकारियों ने कोविड आपदा के समय महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाने और लोगों को सहायता पहुंचाने का काम किया था जिसकी वजह से पूरे देश में छत्तीसगढ़ की सराहना हुई।
उन्होने कहा कि यह बहुत बड़ी उपलब्धि है कि बिना किसी शिकायत के पूरे प्रदेश में डेढ़ लाख एकड़ भूमि गौठानों के लिए आरक्षित की गई।उन्होने कहा कि यह काम कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों कर्मचारियों के कार्य के प्रति समर्पण को दिखाता है।उन्होने कहा कि प्रशासनिक कार्यों में कसावट और जनता की सेवा करने के जज्बे की वजह से आज सुकमा जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में भी जाति प्रमाण पत्र, नामांतरण और बंटवारा प्रमाण पत्र लोगों को उनके घर जाकर दिया जा रहा है।
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सम्मेलन में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने नए तहसीलों और अनुविभाग की मांग की जिसे मुख्यमंत्री ने पूरा किया। आम लोगों को सहूलियत हो और सरकार लोगों तक पहुंचे इसके लिए नए जिलों की स्थापना की गयी है।
राज्य स्तरीय प्रांतीय सम्मेलन में कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की तरफ से प्रांताध्यक्ष कृष्ण कुमार लहरे, सचिव विक्रांत सिंह राठौर, प्रवक्ता शशिभूषण सोनी समेत राज्य भर से आए तहसीलदार और नायब तहसीलदार उपस्थित थे।