रायपुर 14 अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जनहित में लिखने वालों को अपनी कलम कभी रोकनी नहीं चाहिए,जिससे कि प्रायोजित रूप से फैलाये जा रहे झूठ की सच्चाई भी सही लेखन से सामने आ सके।
श्री बघेल ने आज यहां मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित वसुंधरा सम्मान समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार- पत्रकार सुधीर सक्सेना को यह सम्मान प्रदान करते हुए कहा कि शब्दों को संजोना एक कठिन विधा है। उसमें भावनाएं पिरोना और भी कठिन है। छत्तीसगढ़ी समाज बहुत सरल सहज है लेकिन यह सहजता आसान नहीं है। बहुत प्रयत्न से यह सफलता मिलती है। यह सरलता लोगों को इतनी भाती है कि जो भी एक बार छत्तीसगढ़ आता है छत्तीसगढ़ उसे अपना लेता है।
उन्होने कहा कि सोशल मीडिया पर कोई आपसे असहमत है और आप उग्र नहीं हो रहे तो समझिये कि आप गांधी जी के रास्ते पर चल रहे हैं। इस मौके पर अपने संबोधन में श्री सुधीर सक्सेना ने कहा कि किसी भी पुरस्कार की महत्ता का आंकलन इस बात से होता है कि वो निरंतरता रचती है या नहीं। इसका निर्धारण इस बात से भी होता है कि यह पुरस्कार किन लोगों को पूर्व में सम्मानित किया जा चुका है। इस दृष्टि से यह पुरस्कार मेरे लिए संतोष का विषय है।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता पत्रकार राजेश बादल ने आंचलिक पत्रकारिता की चुनौतियों तथा इनके महत्व के विषय में विस्तार से अपनी बात की। साथ ही वर्तमान परिदृश्य में पत्रकारिता के समक्ष चुनौतियों पर भी चर्चा की।
इस मौके पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा स्कूल शिक्षा मंत्री श्री रवींद्र चौबे, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, विधायक श्री अमितेश शुक्ला, पद्मश्री तथा इंदिरा संगीत एवं कला विवि खैरागढ़ की कुलपति श्रीमती मोक्षदा चंद्राकर, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राजेश्री श्री रामसुंदर दास, पूर्व विधायक श्री प्रदीप चौबे एवं अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद थे। इस दौरान वसुंधरा सम्मान के संयोजक श्री विनोद मिश्र, निर्णायक समिति के अध्यक्ष श्री दिवाकर मुक्तिबोध, आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव तथा आयोजन समिति के सचिव श्री मुमताज एवं अन्य अतिथि मौजूद रहे।