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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में सुशासन के नए मानक तय

पारदर्शिता, जवाबदेही और जनहित को प्राथमिकता – धान खरीदी, शिक्षा, स्वास्थ्य व ऊर्जा योजनाओं पर सख्त निर्देश

रायपुर, 12 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में रविवार को मंत्रालय में आयोजित कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस 2025 में सुशासन, पारदर्शिता और जनहित के नए मानक तय किए गए। बैठक की शुरुआत निर्धारित समय से पहले हुई, जिससे मुख्यमंत्री की कार्य अनुशासन और परिणाम-केंद्रित प्रशासनिक शैली का स्पष्ट संदेश मिला।

  मुख्य सचिव विकास शील, सभी विभागीय सचिव, संभागायुक्त और कलेक्टरों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन की नीतियों और योजनाओं का अंतिम लाभ जनता तक समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से पहुँचना ही सुशासन का वास्तविक अर्थ है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस दिशा में किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

“यह केवल समीक्षा बैठक नहीं, बल्कि जनहित के नए मानक तय करने का अवसर”

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस महज समीक्षा बैठक नहीं, बल्कि प्रशासनिक तंत्र में जवाबदेही और जनसेवा के नए मानक स्थापित करने का अवसर है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि योजनाओं का प्रभाव ज़मीनी स्तर पर दिखाई देना चाहिए — केवल रिपोर्टों में नहीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता के बीच आपकी उपस्थिति और संवेदनशीलता ही आपकी पहचान है। शासन की सफलता आंकड़ों से नहीं, जनता के विश्वास से मापी जाती है।”

15 नवंबर से शुरू होगी धान खरीदी, कलेक्टर होंगे जिम्मेदार

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि राज्य में धान खरीदी 15 नवंबर से प्रारंभ होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी तैयारियाँ समय पर पूरी की जाएं।उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि धान खरीदी में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित जिले के कलेक्टर सीधे जिम्मेदार होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक खरीदी केंद्र की मॉनिटरिंग की जाए और प्रभारी सचिव जिलों में लगातार निगरानी रखें। उन्होंने कहा कि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से धान खरीदी की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी, ताकि किसी भी गड़बड़ी पर तुरंत कार्रवाई संभव हो।

अंतरराज्यीय सीमावर्ती जिलों में बाहर से धान की अवैध आवाजाही रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश भी दिए गए। विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों के लिए विशेष शिविर लगाकर 100 प्रतिशत पंजीयन सुनिश्चित करने को कहा गया।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और ऊर्जा योजनाओं पर जोर

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि एक भी पात्र किसान लाभ से वंचित न रहे। उन्होंने कमिश्नरों को निर्देश दिए कि बस्तर और सरगुजा संभाग में इस योजना की प्रगति की नियमित समीक्षा की जाए।

ऊर्जा विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुँचाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हितग्राहियों को बैंक फाइनेंस की सुविधा सरलतापूर्वक मिले, ताकि कोई भी पात्र परिवार योजना से वंचित न रहे।

स्वास्थ्य सेवाओं पर सख्त निगरानी, मलेरिया उन्मूलन पर विशेष फोकस

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएँ राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य के सभी अस्पतालों में 100 प्रतिशत प्रसव सुनिश्चित किए जाएँ तथा टीकाकरण की वास्तविक स्थिति की फील्ड वेरिफिकेशन की जाए।

उन्होंने मैटरनल डेथ ऑडिट को हर मामले में अनिवार्य किया और मातृ एवं शिशु पोषण पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनआरसी सेंटर नियमित और प्रभावी ढंग से संचालित हों तथा वेलनेस सेंटरों को सक्रिय कर गैर-संचारी रोगों के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाए।

बस्तर संभाग में मलेरिया उन्मूलन अभियान पर विशेष जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान कर केंद्रित अभियान चलाया जाए, ताकि छत्तीसगढ़ जल्द “मलेरिया-मुक्त राज्य” बन सके।

शिक्षा क्षेत्र में “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” की घोषणा

शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रॉपआउट शून्य करने और सकल नामांकन अनुपात 100 प्रतिशत तक पहुँचाने का लक्ष्य किसी भी हालत में पूरा किया जाए।
उन्होंने कहा कि शिक्षण सामग्री अलमारियों में नहीं, कक्षाओं में दिखनी चाहिए। कलेक्टरों को निर्देश दिए गए कि शिक्षण संसाधनों का वास्तविक उपयोग सुनिश्चित करें और मॉनिटरिंग करें।

मुख्यमंत्री ने बीजापुर जिले की सराहना की, जहाँ स्थानीय युवाओं की मदद से गोंडी भाषा में शिक्षण से उपस्थिति बढ़ी और ड्रॉपआउट कम हुए हैं। उन्होंने अन्य जिलों को ऐसे नवाचार अपनाने की सलाह दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 दिसंबर तक सभी विद्यार्थियों की आधार-बेस्ड APAR ID बनाकर रजिस्ट्रेशन पूरा किया जाए। इससे छात्रवृत्ति, गणवेश और पुस्तकों का वितरण पारदर्शी और डिजिटल रूप से संभव होगा।

राज्य में “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” शुरू करने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूलों का सामाजिक अंकेक्षण कर ग्रेडिंग की जाएगी और परीक्षा परिणाम सुधार के लिए ठोस कार्ययोजना बनेगी। बेहतर प्रदर्शन वाले जिलों के मॉडल अन्य जिलों में लागू किए जाएंगे।

वृद्धजनों और कमजोर वर्गों के लिए भी संवेदनशीलता के निर्देश

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत सभी पात्र वृद्धजनों के पंजीयन और कार्ड निर्माण को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन का मूल उद्देश्य समाज के सबसे कमजोर वर्ग तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाना होना चाहिए।