
रायपुर, 27 अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि उनकी सरकार पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रति कृत संकल्प है,और इसके लिए विधानसभा में विधेयक भी पारित हो चुका है।राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए राजभवन में कई महीनों से लम्बित है।
श्री बघेल आज राजधानी के रावणभाटा मैदान में आयोजित प्रदेश स्तरीय एक दिवसीय ‘‘ओबीसी महासम्मेलन‘‘ को सम्बोधित कर रहे थे। महासम्मेलन में अन्य पिछड़ा वर्ग समाज ने आरक्षण के संबंध में चर्चा के लिए राज्यपाल से समय दिलाने की मांग मुख्यमंत्री श्री बघेल से की। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को इस संबंध में पत्र लिखने का भरोसा दिलाया।
उऩ्होने कहा कि मोदी सरकार द्वारा शासकीय और सार्वजनिक औद्योगिक निकायों का निजीकरण हो रहा है, ऐसी स्थिति में किसी को भी आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।अभी बस्तर में नगरनार का स्टील प्लांट तैयार भी नहीं हुआ है, उसके भी विनिवेश की तैयारी कर ली गई है। एयरपोर्ट का निजीकरण किया जा रहा है। बालको का निजीकरण हो गया।
श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्गों के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग की प्रगति के लिए भी हरसंभव प्रयास कर रही है।चाहे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के लिए संचालित कार्यक्रमों की बात हो या न्याय योजनाओं की इन योजनाओं का लाभ सभी वर्गों के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को भी मिल रहा है।राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों की तरह प्रदेश के संभागीय मुख्यालयों तथा जिला मुख्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है।
छत्तीसगढ़ ओबीसी महासभा और छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ द्वारा संयुक्त रूप से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश साहू ने की। कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज, छत्तीसगढ़ ओबीसी महासभा के संयोजक राधेश्याम साहू सहित ओबीसी समाज के अनेक पदाधिकारी एवं प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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