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रमन ने नन्हें शिशुओं को गोद में लेकर पिलाई पोलियो की दवा

कांकेर 11 मार्च।लोक सुराज अभियान के पहले दिन आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जिले के बण्डाटोला गांव पहुंचे और वहां चौपाल लगाकर ग्रामीणों से बातचीत की।

डा.सिंह ने गांव के आंगनबाड़ी केन्द्र में पहुंचकर पल्स पोलियों अभियान के तहत लगभग साढ़े चार महीने के शिशु अनुराग निषाद और दस महीने के हिमांशु निषाद को पोलियो वेक्सीन की दो-दो बूंदें पिलाई और उन्हें आशीर्वाद दिया। डॉ. सिंह ने बड़े स्नेह से दोनों नन्हें शिशुओं को बारी-बारी से गोद में लेकर दुलार भी किया। उन्होंने इन शिशुओं के माता-पिता को उनकी सेहत का लगातार ध्यान रखने और दोनों शिशुओं के लिए आंगनबाड़ी सेवाओं का लाभ लेने की सलाह दी।

उन्होने बण्डाटोला में श्रीमती खेमता के घर पहुंचकर उनके द्वारा किए जा रहे रेशम धागाकरण के कार्यों को भी देखा। श्रीमती खेमता ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके पास दो एकड़ खेती है। धागाकरण से कुछ अतिरिक्त आमदनी हो जाती है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उनका मकान भी बन रहा है। डॉ. सिंह श्रीमती मधु कुंजाम के भी घर गए, जिन्हें श्रम विभाग की योजना के तहत साईकिल मिली है। इसके अलावा श्रीमती कुंजाम भी परिवार के अतिरिक्त आमदनी के लिए धागाकरण का काम कर रही हैं।

गांव की चौपाल में मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से बातचीत कर बण्डाटोला ग्राम पंचायत के वार्ड नम्बर-6 में पेयजल के लिए सोलर पम्प और आवास पारा तथा वार्ड नम्बर-7 में हैण्डपम्प की मंजूर तुरंत प्रदान कर दी। उन्होंने गांव के मुख्य मार्ग से शीतला मंदिर तक और आवास पारा में सी.सी.रोड के लिए पांच-पांच लाख रूपए तथा मिडिल स्कूल में बाउंड्रीबॉल निर्माण के लिए आठ लाख रूपए स्वीकृत करने की घोषणा की। डॉ. सिंह ने चौपाल में ग्रामीणों के आग्रह पर निकटवर्ती ग्राम अरोड़ में बैंक शाखा खोलने के लिए जिला कलेक्टर को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।

स्थानीय युवाओं को मुख्यमंत्री ने खेल सामग्री के लिए 15 हजार रूपए तत्काल मंजूर कर दी। लोक सुराज की चौपाल में कुछ ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्हें मनरेगा में हुए कार्यों की मजदूरी का पूरा भुगतान नहीं मिल पाया है। इस पर मुख्यमंत्री ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि मजदूरों की बकाया राशि 31 मार्च तक उनके बैंक खातों में पहुंच जाए। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें अब तक तेन्दूपत्ता बोनस नहीं मिल पाया है। इस पर मुख्यमंत्री ने वन मण्डलाधिकारी को ऐसे प्रकरणों के निराकरण के लिए गांव में कल शिविर लगाने के निर्देश दिए।