दिल्ली सरकार की शराब नीति को बनाने और लागू करने में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच ईडी कर रही है। ईडी ने पहले आप नेता संजय सिंह के कई करीबियों के परिसरों की तलाशी ली थी। एजेंसी अब संजय सिंह के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी कर रही है।
दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम उनके दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी कर रही है। पहले इसी मामले में आप नेता के कई करीबियों के परिसरों की तलाशी ली गई थी।
संजय सिंह के यहां छापेमारी की खबर सामने आने के बाद सियासत भी शुरू हो गई है। भाजपा ने एक बयान में कहा कि पार्टी पहले से कह रही थी कि शराब घोटाला करके आप ने जनता को लूटा है। वहीं, आप ने कहा कि पिछली बार भी संजय सिंह के नाम की गड़बड़ी हुई थी फिर भी उत्तर नहीं मिला।
आइये जानते हैं कि आखिर क्या है दिल्ली शराब घोटाला? मामले में क्या आरोप लगे हैं? घोटाले में कितने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है? अब संजय सिंह ईडी के राडार पर क्यों हैं? संजय सिंह पर क्या आरोप है?
पहले जानते हैं आखिर क्या है शराब नीति घोटाला?
कोरोना काल के बीच दिल्ली सरकार ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 लागू की थी। इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि, नई शराब नीति को बाद में इसे बनाने और इसके कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों के बीच रद्द कर दिया गया था।
ईडी के जांच सीबीआई से अलग कैसे है?
सीबीआई ने अगस्त 2022 में इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन और नई शराब नीति में प्रक्रियागत गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की। बाद में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में ईडी ने पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच शुरू कर दी।
ईडी और सीबीआई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में कथित घोटाले की अलग-अलग जांच कर रही हैं। ईडी नीति को बनाने और लागू करने में धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है। वहीं, सीबीआई की जांच नीति बनाते समय हुई कथित अनियमितताओं पर केंद्रित है।
अभी तक कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं?
दिल्ली शराब नीति अनियमितता मामले की जांच कर रही दोनों एजेंसियां सीबीआई और ईडी अब तक 15 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी हैं। इसमें मनीष सिसोदिया, विजय नायर, समीर महेंद्रू, अरुण रामचंद्रन, राजेश जोशी, गोरन्तला बुचिबाबू, अमित अरोड़ा, बेनॉय बाबू (फ्रांसीसी शराब कंपनी पर्नोड रिकार्ड के महाप्रबंधक), पी सरथ चंद्र रेड्डी, अरबिंदो फार्मा के पूर्णकालिक निदेशक और प्रमोटर, व्यवसायी अमनदीप धाल और व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली शामिल हैं।
ईडी की जांच में क्या निकला?
ईडी इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसी साल जनवरी में एजेंसी ने एक पूरक चार्जशीट दायर कर दावा किया कि आप के शीर्ष नेताओं ने खुद के लिए अवैध धन जुटाने के उद्देश्य से आबकारी नीति बनाई थी। ईडी ने आरोप लगाया कि साजिश निजी संस्थाओं को थोक व्यापार देने और उसी से छह फीसदी रिश्वत पाने के लिए 12 फीसदी मार्जिन तय करने की थी।
ईडी ने अपनी चार्जशीट में शराब कारोबारी समीर महेंद्रू को साजिश का सरगना और मुख्य लाभार्थियों में से एक बताया था। इसमें महेन्द्रू, विजय नायर, पी. सरथ चंद्र रेड्डी, बिनॉय बाबू, अभिषेक बोइनपल्ली, अमित अरोड़ा और 11 कंपनियों सहित कुल 17 संस्थाओं को आरोपी बनाया गया।
इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एजेंसी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री की बेटी के कविता से भी शराब नीति मामले में पूछताछ की गई है। इसके साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से भी पूछताछ की गई है। कहा गया कि केजरीवाल को मामले में गवाह के तौर पर जांच के लिए बुलाया गया था।
दिल्ली शराब घोटाले में अभी क्या हुआ है?
प्रवर्तन निदेशालय बुधवार सुबह से आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के दिल्ली आवास पर छापेमारी कर रही है। यह तलाशी शराब घोटाला मामले में हो रही है। इससे पहले इसी मामले में सांसद के कई अन्य करीबी लोगों के परिसरों की तलाशी ली गई थी।
संजय सिंह के घर पर छापेमारी क्यों, उन पर क्या आरोप हैं?
शराब नीति घोटाले में संजय सिंह का नाम पहली बार दिसंबर 2022 में सामने आया था। तब ईडी ने आरोपपत्र में कारोबारी दिनेश अरोड़ा के बयान के हिस्से के रूप में आप नेता के नाम का उल्लेख किया गया था। एजेंसी ने दावा किया कि दिनेश अरोड़ा ने उन्हें बताया कि वह शुरू में संजय सिंह से मिले थे, जिनके जरिए वह बाद में एक रेस्तरां में एक पार्टी के दौरान मनीष सिसोदिया से मिले।
आरोप पत्र में कहा गया कि संजय सिंह के कहने पर दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी फंड इकट्ठा करने के लिए सिसोदिया को पैसे देने की व्यवस्था की थी। अरोड़ा के हवाले से शिकायत में यह भी कहा गया कि उन्होंने सिसोदिया से पांच-छह बार बात की और संजय सिंह के साथ केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की।
इस साल मई में ईडी ने संजय सिंह के करीबी सहयोगियों के परिसरों की तलाशी ली थी और उन्होंने आरोप लगाया था कि ईडी ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले के संबंध में उनके दो सहयोगियों अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा के घरों पर छापेमारी की।
आरोपों पर संजय सिंह का क्या रुख है?
इससे पहले मई में संजय सिंह ने वित्त सचिव टीवी सोमनाथन को एक पत्र लिखा। उस पत्र में आप नेता ने कहा था कि ईडी निदेशक और सहायक निदेशक ने जानबूझकर बिना किसी आधार के कथित शराब घोटाले से उनका नाम जोड़ा, उनकी सार्वजनिक छवि खराब की और उन्हें बदनाम किया।
संजय सिंह ने कहा था कि उनका नाम कारोबारी दिनेश अरोड़ा के बयान के आधार पर जोड़ा गया है। आप नेता ने यह भी आरोप लगाया था कि अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करके उनकी सार्वजनिक छवि खराब की है और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की। इससे पहले आप सांसद ने अधिकारियों को सार्वजनिक माफी जारी करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा था।