राजनांदगांव 16 अक्टूबर।गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार पर साम्प्रदायिक राजनीति को बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसने पिछले चुनावों में जनता से किए लोक लुभावन वादों को पूरा नही कर उनके साथ धोखा किया है।
श्री शाह ने आज यहां पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा.रमन सिंह ने राजनांदगांव सीट से नामांकन कायर्क्रम के मौके पर आयोजित संकल्प महासभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा की 15 वर्षों की रमन सरकार ने राज्य को विकास को नई दिशा दी और चौमुखी विकास किया,लेकिन पिछले पांच वर्षों में भूपेश बघेल जी आपने क्या किया।इसका हिसाब किताब दीजिए, लेकिन यह आपके स्वभाव में नही है।आपने पांच वर्ष तो ताम्रध्वज साहू(गृह मंत्री)एवं राजा साहब(उप मुख्यमंत्री जी.एस.सिंहदेव)का हिसाब करने में लगे रहे।
उन्होने आरोप लगाया कि भूपेश सरकार ने पांच वर्षों में कांग्रेस के एटीएम के रूप में काम किया और भ्रष्टाचार के लिए पटवारी से लेकर मुख्यमंत्री तक एक चेन बना दिया।लोक सेवा आयोग कीन नियुक्तियों में घोटाला किया और जनता से 2018 में किए लोक लुभावन वादों को पूरा नही किया।उन्होने कथित शराब,कोयला परिवहन,प्रधानमंत्री अन्न तथा महादेव एप्प घोटाला करने का भी आरोप लगाया।श्री शाह ने कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने पर भ्रष्टाचार करने वालों से पाई पाई की वसूली होंगी और उन्हे उल्टा लटका देंगे।
श्री शाह ने अपने सम्बोधन में बेमेतरा जिले के गत अप्रैल माह में साम्प्रदायिक हिंसा में मारे गए भुवनेश्वर साहू के हत्यारों को अंजाम तक पहुंचाने का ऐलान करते हुए कहा कि भुवनेश्वर साहू की जिस तरह से रौद रौद कर हत्या हुई है वह शर्मनाक है।छत्तीसगढ़ एक बार फिर कौमी दंगों का केन्द्र नही बनना चाहिए।कांग्रेस अगर राज्य में दुबारा चुनकर आयेंगी तो साम्प्रदायिक राजनीति को बढ़ायेंगी।उन्होने मोदी सरकार की उपलब्धियों गिनाते हुए महिला आरक्षण,चन्द्रयान तथा जी 20 का भी जिक्र किया। श्री शाह ने कहा कि यूपीए ने 10 वर्षों के सासनकाल में छत्तीसगढ़ को विकास कार्यों और अद्य़ोसंरचना विकास के लिए 77 हजार करोड दिए थे जबकि मोदी सरकार ने साढ़े नौ वर्षों में तीन लाख करोड़ से अधिक की राशि दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री डा.सिंह ने इस मौके पर श्री शाह की कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होने पूरी ताकत दिखा दी।उन्होने कहा कि राजनांदगांव ने उन्हे पहचान दी,मुख्यमंत्री के नाते 15 वर्ष तक उन्होने इस क्षेत्र का विकास किया।कांग्रेस ने पांच वर्षों में राजनांदगांव के साथ पक्षपात किया।कांग्रेस के सत्ता में आते ही यहां के सभी विकास कार्य रूक गए।उन्होने कहा कि कांग्रेस से बदला लेना है और उसे राजनांदगांव से ही नही बल्कि छत्तीसगढ़ से साफ करना है।