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राजस्व संबंधी मामलों के निपटारे में सीएम योगी की फटकार के बाद आई ज्यादा तेजी

लखनऊ- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फटकार के बाद राजस्व के पेंडिंग मामलों के निपटारे में तेजी दर्ज की गयी है। वर्तमान में राजस्व वाद के पेंडिंग मामलों के निस्तारण का रेश्यो शत-प्रतिशत दर्ज किया गया है जबकि राजस्व के मामलों के निस्तारण का रेश्यो 90 प्रतिशत पार कर गया है। ये जानकारी 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव राजस्व ने दी। मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 सितंबर को एनेक्सी में सीएम कमांड सेंटर की रिपोर्ट की समीक्षा की थी, जिसमें उन्होंने राजस्व के मामलों को समयबद्ध तरीके से निपटाने में हीलाहवाली पर कड़ी फटकार लगाई थी। उन्होंने अधिकारियों को इसमें सुधार लाने की सख्त हिदायत देते हुए एक महीने का वक्त दिया था। उसी का असर है कि एक महीने में करीब-करीब पांच लाख राजस्व वादों का निपटारा किया गया है जबकि एक साल से पांच साल के विचाराधीन 2.6 लाख वादों का निपटारा किया गया।

एक महीने में एक लाख से अधिक राजस्व वादों का किया निपटारा

अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 अक्टूबर को राजस्व की समीक्षा बैठक में राजस्व के पेंडिंग मामलों के निस्तारण के शत-प्रतिशत रेश्यो पर खुशी जाहिर की जबकि राजस्व के अन्य मामलों के निपटारे का रेश्यो 95 प्रतिशत करने के निर्देश दिये। सर्वाधिक राजस्व वादों का निस्तारण लखनऊ (1,00,307 वाद), बलिया (70,761 वाद), प्रयागराज (65,771 वाद), गोरखपुर (62,906 वाद), गोंडा (58,264 वाद) द्वारा किया गया है। इसी तरह पैमाइश के मामलों के निपटारे में टॉप पांच जिलों में बलिया, आजमगढ़, एटा, गाजीपुर और लखनऊ शामिल हैं। कुल 5,33,089 मामले रजिस्टर्ड हुए, जिनमें से 4,36,921 मामले निस्तारित किए जा चुके हैं। पिछले एक महीने में 29,032 मामलों को निपटाया गया है। इन मामलों को उपजिलाधिकारी स्तर पर 90 दिनों में निपटाने का प्राविधान है।

मामले निपटाने में बलिया, गोंडा और शाहजहांपुर ने मारी बाजी

नामान्तरण के 1,26,29,738 आवेदन आए, जिसमें से 1,18,86,265 आवेदन का निस्तारण किया गया, जिसका रेश्यो 94 प्रतिशत से अधिक रहा। इनमें बलिया, गोंडा, शाहजहांपुर, लखनऊ और बस्ती का अच्छा प्रदर्शन रहा। इसी तरह कुर्रा बंटवारा के 4,82,238 आवेदन आए, जिसमें से 31,282 आवेदन का निस्तारण किया गया। इनमें बलिया, गाांडा, गाजीपुर, कुशीनगर और आजमगढ़ का अच्छा प्रदर्शन रहा। मालूम हो कि कुर्रा बंटवारा के मामलों को निपटाने की समय सीमा 6 महीने है, जिसे उप जिलाधिकारी स्तर से निपटाया जाता है।