नई दिल्ली 27 मार्च।उच्चतम न्यायालय ने आपसी सहमति और अंतर जातीय विवाह करने वाले दंपत्तियों को राहत देते हुए ऐसे मामलों में खाप पंचायतों के हस्तक्षेप को पूरी तरह गैर कानूनी बताया है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानवलिकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने हस्तक्षेप रोकने के लिए कानून बनाने के दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि यह दिशा निर्देश तब तक लागू रहेंगे जब तक संसद इस संबंध में उचित कानून नहीं बना लेती।
गैर-सरकारी संगठन शक्ति वाहिनी ने 2010 में सम्मान के नाम पर होने वाली हत्याओं को रोकने और ऐसे दंपत्तियों की सुरक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी। इसी याचिका के संदर्भ में यह दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।